इंदौर में राष्ट्रीय बाल आयोग की सदस्य डॉ. गुप्ता बोलीं बच्चों के तेज शारीरिक विकास के झूठे दावे वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई शुरू

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में राष्ट्रीय बाल आयोग की सदस्य डॉ. गुप्ता बोलीं बच्चों के तेज शारीरिक विकास के झूठे दावे वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई शुरू

संजय गुप्ता, INDORE. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने गुरुवार को इंदौर में बताया कि बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता और कथित बहुत तेज शरीरिक विकास को लेकर झूठे प्रोडक्ट्स के विज्ञापन पर रोक लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बोर्नविटा ने अपने प्रचार से इस तरह की लाइनें आयोग की आपत्ति के बाद हटा ली हैं। कुछ अन्य प्रोडक्ट के आपत्तिजनक विज्ञापनों पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश के कार्यक्रम ‘रूबरू’ में मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि आयोग की सदस्य बनने के तीन माह के भीतर वे पांच राज्यों का दौरा कर चुकी हैं, जिसमें बिहार और झारखंड में बच्चों की हालत बेहद चिंताजनक पाई गई। 





आयोग को लगातार मिल रही बाल अधिकार उल्लंघन की शिकायतें





डॉ. गुप्ता ने बताया कि बाल अधिकारों के उल्लंघन की ढेरों शिकायतें मिल रही है। आयोग इस बात के लिए प्रयास कर रहा है कि शासकीय और गैर शासकीय लोगों के माध्यम से कैसे बाल शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल तस्करी, भिक्षावृत्ति आदि को रोक जाए। इस कार्य के लिए ‘प्रहरी’ नामक योजना का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बाल अधिकार कानूनों, नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर नजर रख रहा है। यह विभिन्न पहलों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के साथ सुधार के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश कर रहा है। एनसीपीसीआर द्वारा एक विशेष टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (हेल्पलाइन नंबर) जारी किया गया है। जहां व्यक्ति बाल अधिकार के उल्लंघन की रिपोर्ट कर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं और समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, संजीव आचार्य, रचना जौहरी, कीर्ति राणा, मीणा राणा शाह, पुष्पा शर्मा, सोनाली यादव व अन्य उपस्थित थे। 





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यह काम भी कर रहा है आयोग





डॉ. गुप्ता ने बताया कि आयोग राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बाल अधिकार कानूनों, नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर नजर रख रहा है। यह विभिन्न पहलों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के साथ सुधार के लिए आवश्यक उपायों की सिफारिश कर रहा है। साथ ही बाल कल्याण के लिए नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के तैयारी में सक्रिय योगदान दे रहा है। यह विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करके ऐसा वातावरण बनाने में मदद कर रहा है जो बच्चों के विकास और प्रगति को उपयोगी है। रिसर्च व विश्लेषण के माध्यम से एनसीपीसीआर बाल अधिकार से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर रहा है। यह अध्ययन, सर्वेक्षण और शोध परियोजनाएं आयोग को चुनौतियों को उजागर करने और आवश्यक सुधारों की अपेक्षा करने में मदद कर रही है। आयोग का एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी है, जिसमें नागरिक सुरक्षित रूप से शिकायत और संबंधित जानकारी सबमिट कर सकते हैं। पोर्टल शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता सुनिश्चित करता है।



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