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संजय गुप्ता, INDORE. आखिरकार मप्र शासन को पांच साल बाद नए डिप्टी कलेक्टर और अन्य अधिकारी मप्र लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा के जरिए मिल गए हैं। आयोग ने तमाम कानूनी पेच के बीच राज्य सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया है। इसमें अजय गुप्ता ने टॉप किया है, वहीं मप्र में दूसरे नंबर पर इंदौर में रहकर तैयारी कर रही निधि भारद्वाज आई है। वहीं सिम्मी यादव तीसरे नंबर पर है।
#MPPSC की राज्य सेवा परीक्षा 2020 में निधि भारद्वाज दूसरे नंबर पर, पिता बोले- म्हारी छोरियां क्या छोरों से कम है, साथ ही निधि बोली - आप मेहनत करते रहिए एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी . #pscresult #result #psc #civilservces #Employment #MadhyaPradesh #TheSootr #TheSootrDigital pic.twitter.com/DYN4YbBI9A
— TheSootr (@TheSootr) June 9, 2023
24 पदों में से 13 मेल और 11 पर फीमेल पर चयन
डिप्टी कलेक्टर के 24 पदों में से 13 मेल और 11 पर फीमेल पर चयन हुआ है। टॉप फाइव में तीन मेल और दो पर फीमेल उम्मीदवार चयनित हुई है। निधि भारद्वाज के पिता चंद्रकात की खुशी का ठिकाना नहीं है, उनकी तीन बेटियां हैं और तीनों काबिल, वह बोले- मेरी छोरियां क्या छोरो से कम है। अब यह नौकरी में भी वही हिम्मत दिखाएंगी।
केवल 87 फीसदी पदों पर ही भर्ती, 13 की सूची रुकी
ओबीसी आरक्षण के चलते 87-13 फीसदी पदों के बंटवारे के साथ हो रहे चयन के चलते फिलहाल 87 फीसदी पदों के लिए ही चयन सूची जारी हुई है। बाकी 13 फीसदी पदों के लिए सूची बनाकर रख ली गई है, लेकिन अभी लिफाफे में बंद रहेगी। इन 13 फीसदी पदों पर इतने ही ओबीसी कैटेगरी के और इतने ही अनारक्षित वर्ग के चुने गए हैं। यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी कर दिया जाता है तो फिर यह पद ओबीसी कैटेगरी वालों को चले जाएंगे, नहीं तो अनारक्षित कैटेगरी में यह पद जाएंगे।
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निधि ने इंदौर से किया बीई, अच्छी नौकरी छोड़ सिविल सर्विस में आई
निधि अभी दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही है। द सूत्र से खास चर्चा में उन्होंने बताया कि जीएसआईटीएस इंदौर से बीई किया और फिर यहीं से कैंपस सिलेक्शन होने पर प्राइवेट जॉब में चली गई। अच्छी नौकरी थी लेकिन इच्छा थी सिविल सर्विस में आने की, पिता और माता से मंजूरी ली और उनकी हां पर साल 2018 से नौकरी छोड़ तैयारी में जुट गई, लेकिन पता नहीं था इतना लंबा इंतजार होगा, अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने परीक्षा पास कर ली है और डिप्टी कलेक्टर हो गई हूं, क्योंकि लंबा इतंजार था। मेरे पिता चंद्रकातजी सूबेदार मेजर है सहानपुर में, माता राधा भारद्वाज है। पीएससी में लंबे इंतजार के बाद मैंने ही कह दिया कि अब छोड़ देते है लेकिन घरवालों ने हिम्मत बंधाई कि अब नहीं छोड़ना है। समाज से अन्य लोगों से दबाव था कि शादी करा दीजिए लेकिन परिवार ने सपोर्ट किया। निधि की बहन नम्रता भी इसी की तैयारी कर रही है और साल 2019 के इंटव्यू के लिए क्वालीफाइ हुई है। एक अन्य बहन लॉ कर रही है।