जशपुर में कुनकुरी के आदिवासी ने SDM पर लगाए आरोप, PM को पत्र लिखकर कहा- बेल्जियम के नागरिक ने SDM के साथ मिलकर 3.76 करोड़ हड़पे

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The Sootr CG
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जशपुर में कुनकुरी के आदिवासी ने SDM पर लगाए आरोप, PM को पत्र लिखकर कहा- बेल्जियम के नागरिक ने SDM के साथ मिलकर 3.76 करोड़ हड़पे

JASHPUR. वनांचल में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जंगल के पेड़ काटे जा रहे हैं। भोले-भाले आदिवासियों की जमीनें हड़पी जा रही हैं और धर्मांतरण का खेल भी जोरों पर है। दुख की बात ये कि इनके रक्षक की भूमिका में जो प्रशासनिक अफसर हैं वे सताने वालों का साथ दे रहे हैं। ताजा मामला कुनकुरी का है। आरोप है कि बेल्जियम के नागरिक फादर ने एसडीएम के साथ मिलीभगत करके आदिवासी की जमीन के मुआवजे की राशि 3 करोड़ 76 लाख रुपए से अधिक पर कब्जा जमा लिया है। हर तरफ से निराशा हाथ लगने पर उसने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।



कुनकुरी में जमीन पर कब्जा



जिस जमीन पर कब्जा किया गया है वो कुनकुरी जिला जशपुर निवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग के इग्नेश लकड़ा का निधन हो चुका है। जिन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी थी। अब उनके पुत्र विरेन्द्र लकड़ा संघर्ष कर रहे हैं और उन्होंने ये पत्र प्रधानमंत्री को लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि उनके पूर्वजों के स्वामित्व में 26.50 एकड़ भूमि है। उस भूमि पर वर्ष 1951 में विदेशी नागरिक फादर एच. गिटर्स निवासी बेल्जियम के द्वारा फर्जी ढंग से स्वयं को ग्राम-कुनकुरी का निवासी बताते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग की उनकी भूमि को बेनामी संव्यवहार करते हुए अपने नाम से छल-कपट कर रकबा 49.50 एकड़ भूमि पर कब्जा किया गया है।



उत्तराधिकारी को वापस मिलेगी जमीन



छत्तीसगढ़ राज्य में भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्व के आधार पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की कृषि भूमि के संरक्षण हेतु कल्याणकारी कानून छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा-770 ख बनाया गया है। उसमें स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी अनुसूचित जनजाति वर्ग की कृषि भूमि पर कोई भी व्यक्ति यदि कब्जा में आता है, तब इसकी जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा किया जाकर संबंधित भूमि को मूल भूमि स्वामी अथवा उसके उत्तराधिकारियों को वापस किया जाएगा।



आवेदक इग्नेश लकड़ा का 86 साल की उम्र में हुआ निधन



इस प्रावधान के अनुसार जमीन के भूमि स्वामी इग्नेश लकड़ा जाति-उरांव द्वारा अनुविभागीय अधिकारी कुनकुरी के न्यायालय में धारा-70, ख के तहत आवेदन पत्र 27 अगस्त 2018 को प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण के विचारण के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण लगभग 2 वर्ष तक प्रकरण का विचारण स्थगित रखा गया था। इसी बीच आवेदक इग्नेश लकड़ा की मृत्यु लगभग 86 वर्ष की अवस्था में हो गई। उक्त प्रकरण के विचारण के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 के भूमि अधिग्रहण का विचारण भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सह भू-अर्जन अधिकारी के समक्ष लंबित था।



इसी दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि राही और अनावेदक पक्ष के अधिवक्ता नूरूल अमीन द्वारा षडयंत्र रचते हुए प्रबंधक सुपरीयर सोसायटी ऑफ यीशु समाज कैथोलिक लोयोला हायर सेकेण्डरी के साथ मिलकर संस्था को जो कि धारा-470, ख के प्रकरण के अनावेदक थे, षड्यंत्रपूर्वक प्रकरण के विचारण के बीच में उक्त प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करने आवेदन योजनाबद्ध रूप से छल और कपटपूर्वक प्रस्तुत किया गया ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 में आवेदक इग्नेश लकड़ा के स्वामित्व की भूमि लगभग 60 डिसमिल को मिलने वाले मुआवजा राशि को हड़पा जा सके।



आपत्ति का कोई निराकरण नहीं



पत्र में विरेंद्र ने आगे लिखा है कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि राही और अनावेदकों ने साथ मिलकर धारा-470, ख के प्रकरण में मूल भूमि स्वामी इग्नेश लकड़ा का नाम विलोपित करने के उद्देश्य से छल करते हुए बीते 6 अक्टूबर को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि राही द्वारा धारा-970, ख छत्तीसगढ़ भूराजस्व संहिता के प्रावधानों के विपरीत जाते हुए मात्र अनावेदकों और स्वयं को आर्थिक लाभ दिलाने अनावेदक की ओर से प्रस्तुत शीघ्र सुनवाई के आवेदन पत्र का निराकरण करते हुए खसरा नंबर 244/2, रकबा 4.936 हेक्टयर की भूमि से संबंधित धारा-170, ख के प्रकरण को निरस्त करते हुए उक्त भूमि जिसके संबंध में मुआवजा राशि 3 करोड़ 76 लाख 78 हजार 368 रुपए आवंटित किया गया था। उसका चेक रवि राही के द्वारा अनावेदक प्रबंधक सुपरीयर फादर सोसायटी यीशु समाज कुनकुरी को प्रदान कर दिया गया जबकि उक्त सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से आपत्ति प्रस्तुत की गई थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 में जो भूमि अधिग्रहित की गई है, उस जमीन को संस्था द्वारा छल करते हुए प्राप्त किया गया है। इसके बाद भी आपत्ति का कोई निराकरण नहीं किया गया और न ही उक्त संबंध में कोई सुनवाई या जांच ही की गई।



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एनएच के भूअर्जन में जिला कोर्ट को नहीं भेजा मुआवजे का प्रकरण



राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम में भू-अर्जन के मुआवजे के संबंध में यदि कोई आपत्ति आती है तो भू-अर्जन अधिकारी को प्रकरण जिला न्यायाघीश को प्रेषित कर उक्त संबंध में निराकरण का निवेदन करने का प्रावधान है लेकिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सह भू-अर्जन अधिकारी कुनकुरी द्वारा इस मामले में आपत्ति आने के बावजूद न तो उनका निराकरण अपने अधिनिर्णय में किया गया और न ही उक्त संबंध में प्रावधान के अनुरूप उचित निराकरण के लिए जिला न्यायाधीश को प्रकरण प्रेषित किया गया। स्पष्ट है कि भू-अर्जन अधिकारी और प्रबंधक कैथोलिक संस्था एवं अन्य लोगों की नजर उक्त बड़े मुआवजा राशि को फर्जी ढंग से प्राप्त करने में था। इसी कारण प्रावधानों के विपरीत मुआवजा राशि प्रबंधक कैथोलिक संस्था को चेक के माध्यम से दिया गया है जो स्वमेव आरोपीगण के अपराध को प्रमाणित करता है।


आदिवासी ने पीएम को लिखा पत्र एसडीएम पर आदिवासी की जमीन का मुआवजा हड़पने का आरोप आदिवासी का एसडीएम पर आरोप जशपुर में कुनकुरी के आदिवासी का मामला Tribal wrote a letter to PM SDM accused of grabbing compensation money of land Tribal accused SDM Case of tribal of Kunkuri in Jashpur