आज पितृ पक्ष की मातृ नवमी (Matri Navami 2021) है। श्राद्ध में इस दिन का विशेष महत्व होता है। इस दिन घर की उन सभी महिलाओं की पूजा की जाती है, जिनका निधन हो चुका है। इस दिन श्राद्ध करने से माताओं का आशीर्वाद मिलता है और श्राद्ध करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती हैं। पितृ पक्ष की मातृ नवमी को सौभाग्यवती नवमी भी कहते हैं। इस दिन मातृ ऋण से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
मातृ नवमी के दिन क्या करें
मातृ नवमी के दिन सम्पूर्ण श्रृंगार की सामग्री ले आएं। इसमें लाल रंग की साड़ी, सिन्दूर, बिंदी और चूड़ियां जरूर रखें। सम्पूर्ण भोजन बनायें, भोजन में उरद की बनी हुई वस्तुएं जरूर रखें। अब किसी सौभाग्यवती स्त्री को सम्मान सहित घर बुलाएं, उसे भोजन कराएं। उन्हें सम्पूर्ण श्रृंगार की सामग्री भेंट करें और आशीर्वाद लें।
क्या है पूजन विधि
मातृ नवमी श्राद्ध के दिन घर की बहुओं को उपवास रखना चाहिए। इस दिन गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। सुबह स्नान करने के बाद घर की दक्षिण दिशा में हरा वस्त्र बिछाएं। सभी पूर्वज-पितरों के फोटो या प्रतीक रूप में एक सुपारी हरे वस्त्र पर स्थापित करें। पितरों के निमित्त, तिल के तेल का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाएं, जल में मिश्री और तिल मिलाकर तर्पण करें। इस दिन परिवार की पितृ माताओं का विशेष श्राद्ध करें और आटे का एक बड़ा दीपक जलाएं। पितरों की तस्वीर पर तुलसी की पत्तियां अर्पित करें। गरीबों या ब्राह्मणों को लौकी की खीर, पालक, मूंगदाल, पूड़ी, हरे फल, लौंग-इलायची तथा मिश्री के साथ भोजन दें। भोजन कराने के बाद धन-दक्षिणा देकर इन सभी को विदा करें।