Sidhi. जिला पंचायत के नव निर्वाचित अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सदस्यों के शपथ समारोह को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास राजनीति का शिकार हो गया है। कार्यक्रम में अध्यक्ष के साथ जहां आधे सदस्यों ने शपथ लिया है वहीं उपाध्यक्ष सहित कांग्रेसी सदस्यों ने बहिष्कार कर दिया है। शपथ समारोह के लिए उपाध्यक्ष के साथ सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा सहित अन्य कई भाजपा नेताओं की मौजूदगी के कारण आधे सदस्यों ने शपथ नही ली। जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह अब तक की पहली ऐसी अध्यक्ष होंगी जिन्होने जिला पंचायत में शपथ न लेकर पूजा पार्क में बृहद कार्यक्रम आयोजित किया था। शपथ समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रभारी मंत्री मीना सिंह, प्रदेश महामंत्री रणबीर सिंह रावत, शरदेंदु तिवारी के साथ सांसद रीती पाठक, विधायक केदारनाथ शुक्ला, कुंवर सिंह टेकाम व संगठन के प्रदेश व जिले के पदाधिकारी मौजूद रहे है।
तमाशा बन गया पूरा कार्यक्रम
शपथ ग्रहण कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने प्रशासनिक अधिकारी तो लगे ही रहे साथ ही भाजपा संगठन के लोगों ने भी कड़ी मशक्कत की थी। उम्मीद यही की गई थी कि जिला पंचायत के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष सहित सभी सदस्य शपथ लेने पहुंचेगें लेकिन कांग्रेसी सदस्यों ने शपथ नहीं ली। अध्यक्ष को केवल आधे सदस्यों के साथ शपथ लेना पड़ा है। कुल मिलाकर शपथ ग्रहण समारोह कांग्रेसी सदस्यों के कारण जहां तमाशा बन गया वहीं कार्यक्रम में व्याप्त अव्यवस्था से आमजनों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को भी परेशानी उठानी पड़ी है। हजारों की तादात में आमंत्रण तो बांटे गए लेकिन बैठक व्यवस्था काफी कमजोर रही। मंच के अलावा सामने दर्शक दीर्घा में बैठने वाले कुर्सियों के लिए जूझते नजर आये है। शपथ कार्यक्रम में अध्यक्ष के साथ 8 अन्य सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष के हाथों शपथ लिया।
सीधी को आत्मनिर्भर और हरा-भरा बनाने का संकल्प दे गए वीडी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शपथ ग्रहण समारोह के दौरान केन्द्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही जिले को आत्मनिर्भर बनाने और हरा-भरा बनाने के लिए वृक्षारोपण का संकल्प दिला गए है। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि जिले के विकास की सबको जिम्मेवारी लेनी पड़ेगी। अकेले जिला पंचायत अध्यक्ष या सदस्यों के बूते रहने पर समग्र विकास नही हो सकता है। जिले के विकास के लिए गांव की सरकार को मजबूत करना होगा। इस दौरान उन्होने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया तो केन्द्र की खूबियों को भी बताने में चूक नही की।
सिंगरौली की सड़क नहीं आई याद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद बीडी शर्मा ने रीवा से सीधी पहुंचने पर सड़क की तारीफ करते नही थके। उन्होने कहा कि 2003 के पहले प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में गिना जाता था। जिसके बाद भाजपा सरकार ने विकास के नए आयाम गढ़े तो आज तस्वीर बदल गई है। बिजली,पानी,सड़क की व्यवस्था दुरूस्त हो गई है। पहले जहां सड़कों से सफर करना कठिन होता था वहीं अब चंद घंटो में पहुंचने लगे है। रीवा से सीधी की सड़क इतनी बेहतर हो गई है कि कभी कल्पना न की होगी। मोहनिया में टनल बन जाने के बाद तो रीवा से सीधी पहुंचने में 40 मिनट कम लगेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने रीवा से सीधी की सड़क का मुक्त कंठ से बखान तो किया किंतु सीधी से सिंगरौली तक की खस्ताहाल सड़क शायद उन्हे याद नही रही। सीधी-सिंगरौली फोरलेन सड़क पिछले एक दशक से निर्माणाधीन है किंतु निर्माण कार्य अभी तक पूरा नही हुआ है। इस सड़क से जिन्होंने कभी सफर किया होगा उन्हे प्रदेश अध्यक्ष की बातों पर हंसी भी आयेगी। जो भी हो शर्मा सीधी से सिंगरौली दौरे पर सड़क मार्ग से ही जा रहे है तब तो उन्हे सच्चाई मालूम ही हो जायेगी।
बिना हेल्मेट के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली में शामिल हुए प्रदेश अध्यक्ष
सीधी शहर और आसपास के क्षेत्रों में आये दिन हेल्मेट सहित अन्य जरूरी कागजातों को लेकर चालान करने वाली यातायात पुलिस को बिना हेल्मेट के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली में शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा नहीं दिखे है। कार्रवाई तो दूर किसी ने टोंकने तक की जहमत नही उठाई है। आमतौर पर सामान्यजन अगर बिना हेल्मेट के निकलते हैं तो उन्हे कायदे कानून के पाठ पढ़ाये जाते है। सत्ताधारी पार्टी के नेता,कार्यकर्ता अगर नियमों की अवहेलना करें तो उन्हे देखने वाला कोई नही होता है। बता दें कि रीवा से सीधी पहुंचने के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जब टोल प्लाजा पहुंचे तो युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता व स्कूली छात्र अपनी-अपनी बाइक के साथ इंतजार कर रहे थे जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष टोल नाका पर पहुंचे तो अपने वाहन को छोड़ वे भी युवा मोर्चा की बाइक रैली में शामिल हो गए। मोटर साइकल चलाते समय न तो प्रदेश अध्यक्ष हेल्मेट पहने थे और न ही कोई कार्यकर्ता या छात्र नियम कायदों का पालन कर रहा था। बाइक रैली के दौरान राहगीरों व अन्य लोगों को असुविधा अलग से हुई है।
अवैध होर्डिगों से पटा रहा पूरा शहर
नगर पालिका में होर्डिग लगाने का टेंडर कई वर्षो से निरस्त किया गया है बावजूद इसके पूरे शहर में अवैध होर्डिंगे लगाई गई थी। होर्डिंग लगाने वालों ने यह नही देखा कि यह प्राईवेट बिल्डिंग है या फिर सरकारी जहां मन हुआ है वहां होर्डिंग ले जाकर टांग दी गई है। कुछ जगहों पर जगह न मिल पाने के कारण बिजली के खंभों में भी होर्डिंगों को टांग दिया गया था।