बेटियों को समाज में बोझ समझने की मानसिकता में बदलाव जरूर हो रहा है। लेकिन अब भी कई लोग ऐसे हैं जो बेटी के पैदा होने पर उसे अपनाने से इनकार कर देते हैं। रिश्तों को तार-तार कर देने वाला एक ऐसा ही मामला सामने आया है सिहोर से। यहां 5 दिन की बच्ची को जीते जी उसी के अपनो का प्यार नसीब नहीं हुआ, लेकिन बीमारी के बाद जब उसकी मौत हो गई तो उसे अपने साथ ले गए।
जीते जी नहीं अपनाया और मरने के बाद अपने साथ ले गए
सीहोर जिला अस्पताल का है। 22 दिसंबर को मूड़ला कलां गांव की रहने वाली सलमा खां ने एक बच्ची को जन्म दिया, कमजोर होने से उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा गया। चार दिन बाद जब उसे परिवार को सौंपा तो परिवार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि उनका बेटा है। हंगामे के बाद बात डीएनए टेस्ट तक पहुंची, लेकिन बच्ची की हालत बिगड़ गई उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। और सोमवार अलसुबह उसने आखिरी सांस ली। अस्पताल की सूचना पर परिवारवाले आए और बच्ची को अपने साथ लेकर रवाना हो गए। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है।
बच्ची को मिकोनियल हो गया था
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची को मिकोनियल हो गया था। यानी गर्भ में ही उसने गंदापानी पी लिया था, जिस कारण बच्ची बीमार हो गई थी। यही उसकी मौत की वजह बनी। परिवार को कुछ गलतफहमी हो गई थी, समझाने पर वे मान गए।
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