इंदौर में पहली क्लास में पढ़ रहे 6 साल के बच्चे का हार्टअटैक से निधन, बच्चों में दिल की बीमारी से बढ़ी चिंता, जानें क्या हैं लक्षण

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BP Shrivastava
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इंदौर में पहली क्लास में पढ़ रहे 6 साल के बच्चे का हार्टअटैक से निधन, बच्चों में दिल की बीमारी से बढ़ी चिंता, जानें क्या हैं लक्षण

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में एक घटना ने सभी को चौंका दिया है। यह खबर शनिवार, 25 नवंबर रात को आई। डेली कॉलेज में पहली क्लास में पढ़ने वाले मात्र 6 साल के मास्टर विहान जैन का हार्टअटैक से निधन हो गया है। मास्टर विहान परिवार के साथ दिल्ली में एक शादी में गया था, वहीं स्वास्थ्य खराब हुआ, परिजन जल्द अस्पताल ले गए, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। देश में बच्चों में बढ़ती दिल की बीमारियों से हर किसी को चिंता में डाल दिया है।

दो दिन पहले स्कूल में हुई थी तबीयत खराब

जानकारी के अनुसार दो दिन पहले मास्टर विहान की स्कूल में हल्की तबीयत खराब हुई, उसने चेस्ट दुखने की बात कही। इसके बाद परिजन को सूचित किया गया और परिजन उसे घर ले गए। बाद में स्वास्थ्य ठीक लगा तो फिर परिजन को दिल्ली शादी में जाना था, तो वह उनके साथ दिल्ली चला गया। बताया जा रहा है कि वहीं पर अचानक फिर तबीयत बिगड़ी और अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

शोक में डूबा परिवार

मास्टर विहान की अंतिम यात्रा निवास कंचन विहार, कंचनबाग मैन रोड होटल साउथ एवेन्यू के सामने से 26 नवंबर रविवार को सुबह साढ़े दस बजे पंचकुईया मुक्ति धाम जाएगी। उनके पिता राहुल नेहा जैन की ओर से यह संदेश शनिवार रात को जारी हुआ है। राहुल जैन की फर्म मध्यांचल स्टील है। इस घटना से पूरा परिवार शोक में है। वहीं इंदौर भी शॉक्ड है और इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा है।

बच्चों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले चिंताजनक

देश में बच्चों में बढ़ती दिल की बीमारियों से हर किसी को चिंता में डाल दिया है। अभी तक बच्चों में हार्ट अटैक को लेकर माता-पिता निश्चिंत रहते थे, लेकिन अब इस तरह के केस ने उन्हें भी परेशान कर दिया है। आइए एक्स्पर्ट से जानते हैं आखिर बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है-

क्या जन्म से ही बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा?

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कुछ बच्चों को जन्म से ही हार्ट अटैक का खतरा रहता है। मां जब प्रेगनेंट रहती है, तब बच्चे कंजेनाइटल हार्ट डिजीज की चपेट में आ जाते हैं और ताउम्र उन्हें इसी के साथ जीना पड़ता है। इस बीमारी में दिल की दीवारें, वॉल्व और वेसल्स पर प्रभाव पड़ता है। यह हार्ट अटैक का सबसे बड़ा खतरा बन जाता है।

क्या लापरवाही की वजह से हार्ट अटैक के शिकार हो रहे बच्चे?

जन्म के समय हेल्दी बच्चे भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। बच्चों के सामने स्मोकिंग, खाने पीने में लापरवाही, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बच्चों को खेल कूद के लिए न भेजना, पढ़ाई का प्रेशर जैसे कई कारण दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसी कारण बच्चों में छोटी उम्र से ही ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं।

बच्चों में हार्ट अटैक के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं

  • स्किन या होठों के पास नीले निशान का पड़ना
  • खाना खाने में परेशानी होना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • थोड़ा सा चलने पर ही हांफने लगना
  • सही तरह से विकास न हो पाना
  • चक्कन आना, जोड़ों और छाती में दर्द

बच्चों में हार्ट अटैक का लक्षण दिखें तो क्या करें

बच्चों में अगर हार्ट अटैक के लक्षण नजर आए तो माता-पिता को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए। तुरंत बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और टेस्ट करवाने चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर ही उनका खानपान और लाइफस्टाइल व्यवस्थित करें।

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