संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में वरिष्ठ जिला पंजीयक जैसे वरिष्ठ पद को लेकर खड़े हुए विवाद में द सूत्र को मिले पुराने दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि इस पद पर बदलाव के लिए अक्टूबर 2023 से ही कोशिश की जा रही थी। लेकिन तब महानिरीक्षक पंजीयन ने यह पत्र पंजीयन ऑफिस इंदौर भेजा, वहां से जवाब दे दिया गया और मामला दब गया। लेकिन बदलाव नहीं हो पाया, इसलिए इस बार सीधे यह चिट्ठी अधिकारी को ही दी गई, इसके बाद उन्होंने ही खुद ही नया कार्य विभाजन अपने हस्ताक्षर से कर स्वयं को कार्यालय प्रमुख का दर्जा दे दिया। बुधवार 22 नवंबर को सुबह 11 से शाम 6 बजे के बीच सात घंटे में पूरा खेल हो गया।
भोपाल इतना बैचेन कि गुरुवार को फॉलोअप भी ले लिया
भोपाल स्तर पर इस आर्डर को मनवाने की कितनी बैचेनी है, इससे समझ आता है कि यह आदेश का पालन हुआ कि नहीं इसके लिए भी भोपाल से गुरुवार को फॉलोअप लिया गया और प्रतिवेदन लिया गया। इस सारी प्रक्रिया में शासन द्वारा मार्च 2023 में हुई नियुक्ति आदेश को दरकिनार कर 11 साल पुरानी चिट्ठी को आधार बनाकर बदलाव सात घंटे में बदलाव करा लिया गया।
पहले अक्टूबर में भी हुई थी बैकडोर एंट्री की कोशिश
19 अक्टूबर 2023 को महानिरीक्षक पंजीयन ने वरिष्ठ जिला पंजीयक इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को पत्र भेजा। इसमें कहा गया कि जिला पंजीयकों के मध्य 21 नवंबर 2012 के पत्र के अनुसार कार्यविभाजन के मानदंड तय हुए थे। इस पत्र के संबंध में मानदंडों का पालन किया जाए और इसकी जानकारी भेजी जाए। यह पत्र वरिष्ठ जिला पंजीयक दफ्तर यानी दीपक शर्मा के पास आया। उन्होंने इसका जवाब भेज दिया कि शासन के नियमों का पालन हो रहा है।
बात नहीं बनी तो फिर नई कवायद वोटिंग बाद हुई
वरिष्ठ जिला पंजीयक के जवाब के बाद मामला ठंडे बस्ते में दब गया, लेकिन वोटिंग होने के बाद फिर वरिष्ठ जिला पंजीयक पद के योग्य होने का दावा करने वाले अंबरेश नायडू ने भोपाल का रूख कर लिया और महानिरीक्षक पंजीयक एम. शेलवेंद्रम से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार इसके बाद तय हुआ कि पत्र इस बार वरिष्ठ जिला पंजीयक के नाम नहीं भेजा जाए, नहीं तो वह दीपक शर्मा के पास ही जाएगा और फिर वहां से वही पुराना जवाब आ जाएगा। इसके बाद महानिरीक्षक पंजीयन का 22 नवंबर की तारीख में जारी पत्र केवल डॉ. अंबरीश नायडू को मिलता है।
नायडू ने किया कार्य विभाजन और खुद को बताया कार्यालय प्रमुख
इस पत्र के आधार पर डॉ. अंबरेश नायडू ने कार्य विभाजन का प्रस्ताव बनाते हुए खुद को वरिष्ठ जिला पंजीयक बताया और इंदौर के सभी जिला पंजीयकों को कार्य विभाजन कर दिया। इसमें खुद को उन्होंने कार्यालय प्रमुख बताया। वहीं दीपक शर्मा को केवल जिला पंजीजक इंदौर-वन लिखा गया और काम का आवंटन किया, फिर रामस्थमल राठौर को जिला पंजीयक इंदौर-3 और चक्रपाणि दत्त मिश्रा को इंदौर-चार का जिला पंजीयक लिखते हुए काम आवंटित किया। शर्मा को मार्च 2023 में शासन द्वारा जारी आदेश में वरिष्ठ जिला पंजीयक लिखा है, लेकिन इस कार्य विभाजन में नायडू ने उन्हें केवल जिला पंजीयक लिखा।
कलेक्टर से अनुमोदित भी कराया
इस कार्य विभाजन में एक और खास बात है कि इसमें उन्होंने लिखा है कि यह कलेक्टर महोदय द्वारा अनुमोदित है और इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है। यह आदेश 22 नवंबर की तारीख में ही जारी हुआ और इसी तारीख में महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल का भी पत्र जारी हुआ है।
दफ्तर में पत्र शाम को आया
वहीं आश्चर्यजनक रूप से यह पत्र वरिष्ठ जिला पंजीयक का पद संभाल रहे दीपक शर्मा के पास शाम 6 बजे के बाद पहुंचा। तब तक तो नायडू के पास पत्र की कॉपी मौजूद थी, उन्होंने कार्य विभाजन भी बना लिया और इसकी चिट्ठी किसी के हाथ लगने से पहले ही कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से अनुमोदित भी करा लिया। यह सब होने के बाद फिर दफ्तर में महानिरीक्षक पंजीयन के आदेश की जानकारी औपचारिक तौर पर पहुंचती है और वहीं जनसपंर्क से नायडू नई प्रेस रिलीज जारी करा देते हैं कि अब वह नए वरिष्ठ जिला पंजीयक है और सारे कोर्डिनेशन व कार्यालय प्रमुख के काम वह देखेंगे।