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JAIPUR. देश में आधिकारिक वाहन कबाड़ सेन्टर खोलने की नीति लागू होने के 1 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद राजस्थान में वाहन कबाड़ सेन्टर (स्क्रैप सेन्टर) खुलने जा रहा है। राजस्थान परिवहन विभाग के आयुक्त केएल स्वामी ने 2 स्क्रैप सेन्टर खोलने की अनुमति जारी कर दी है।
वाहन स्क्रैप कराने में होगी आसानी
अब प्रदेश की जनता को पुराने और खटारा हो चुके वाहनों को स्क्रैप कराने में आसानी हो जाएगी। ये दोनों स्क्रैप सेन्टर जयपुर जिले के अजमेर रोड स्थित महला में और फागी के माधोराजसिंहपुरा में खोले जाएंगे। बता दें इन स्क्रैप सेन्टरों पर निजी वाहनों के साथ साथ पुराने हो चुके सरकारी वाहनों को भी स्क्रैप किया जाएगा। साथ ही 15 साल की समय सीमा पार कर चुके पुराने वाहनों को भी स्क्रैप किया जाएगा। स्क्रैप सेंटर खुल जाने के बाद अब प्रदेश की जनता को दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। परिवहन आयुक्त केएल स्वामी ने बताया कि दोनों सेंटरों में प्रतिदिन 30 से 50 पुराने वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा।
2022 में लागू हुई थी स्क्रैप नीति
स्क्रैप नीति है केन्द्र सरकार के इस नीति के तहत 20 साल से ज्यादा के पुराने वाहनों और 15 साल से ज्यादा वाणिज्यिक वाहनों को अपना फिटनेस परीक्षण कराना होगा। इसमें वाहनों के इंजन की हालत, फ्यूल एफिशिएंसी और सेफ्टी जैसे कई मानकों पर परीक्षण किया जाएगा। अगर पुराने वाहन परीक्षण में फेल होते हैं तो उनका पंजीकरण समाप्त कर उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसों और प्रदूषण को रोकने के लिए साल 2022 में स्क्रैप नीति लागू की थी। इस नीति का उद्देश्य पुराने हो चुके यात्री और वाणिज्यिक वाहनों को एक प्रक्रिया के तहत हटाना है। जिससे वायु प्रदूषण और सड़क हादसों में कमी की जा सके।
आम आदमी को मिलेगा फायदा
पुराने और खटारा हो चुके वाहनों को स्क्रैप कराने से आम आदमी को बड़ा फायदा मिलेगा। वाहनों को स्क्रैप कराने के बाद एक सर्टिफिकेट मिलेगा। जिसको दिखाकर नए वाहनों के खरीद के दौरान वन टाइम रजिस्ट्रेशन पर 25 फीसदी की छूट प्राप्त की जा सकेगी। इस नीति के तहत स्क्रैप के लिए लाई गई वाहनों को स्क्रैप के बदले कोई भी फीस नहीं ली जाएगी।
स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए लेना होगा लाइसेंस
सरकार के दिशा-निर्देश के मुताबिक कोई भी फर्म, सोसाइटी, ट्रस्ट केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इजाजत लेकर स्क्रैप सेंटर खोल सकता है। जिसके बाद बोर्ड की टीम सेंटर का दौरा करेगी और सारे मानकों के पूरा होने के बाद लाइसेंस जारी करेगी।