इंटरनेशनल डेस्क. रूस का 47 साल बाद चांद पर भेजा गया मिशन फेल हो गया। लूना-25 स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया है। हाल ही में यह जानकारी स्पेस एंजेसी ने दी। दरअसल, लूना-25 के फ्लाइट प्रोग्राम के मुताबिक प्री-लैंडिंग कक्षा में प्रवेश कराने के लिए कमांड दिया गया था। यह कमांड शनिवार शाम साढ़े चार बजे दिया गया था। लेकिन, शाम के साढ़े पांच बजे के आसपास स्पेसक्राफ्ट से संपर्क टूट गया था। बताया जा रहा है कि यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ।
पैरामीटरों से स्पेसक्राफ्ट हुआ डेविएट
बता दें कि रूस के लूना-25 स्पेसक्राफ्ट 21 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड होने वाला था। लेकिन, प्री-लैंडिंग ऑर्बिट बदलने के दौरान इसमें तकनीकी खराबी आई थी। लूना पर इमरजेंसी कंडीशन बनने पर स्पेसक्राफ्ट तय पैरामीटर के अनुसार थ्रस्टर फायर नहीं कर पाया और क्रैश हो गया। स्पेस एजेंसी ने बताया कि कैलकुलेशन के अनुसार कुछ पैरामीटर तैयार किए गए थे, लेकिन उन पैरामीटरों से स्पेसक्राफ्ट डेविएट हो गया। इससे स्पेसक्राफ्ट एक ऑफ-डिजाइन कक्षा में चला गया और चांद पर क्रैश हो गया।
आने वाले सालों में रूस लूना के और मिशन करेगा लॉन्च
सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 की लॉन्चिंग हुई थी। इस दौरान उसे अर्थ की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेज दिया गया था। 16 अगस्त को स्पेसक्राफ्ट दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर चांद की ऑर्बिट में पहुंच गया था। बता दें कि रूस का चांद पर मिशन का यह 47 साल बाद का प्रयास था। इससे पहले 1976 में लूना-24 मिशन भेजा गया था। बता दें कि रूस के अभी तक के चांद के मिशन में यह साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला मिशन बनने वाला था। हालांकि, रॉस्कॉस्मोस के हेड यूरी बोरिसोव ने कहा है कि 2027, 2028 और 2030 में लूना के तीन और मिशन लॉन्च किए जाएंगे।