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जब प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा की गई तो अरुण का ये बयान सामने आया की वो इस दुनिया के सबसे भाग्यशाली इंसान हैं...और हों भी क्यों न....जिन हाथों को ये सौभाग्य मिला कि सृष्टि की रचना करने वाले उस भगवान की ही रचना करने का तो उस शख्स से भाग्यशाली वास्तव में कोई हो ही नहीं सकता।