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चुनावी सरगर्मियां तेज हों तो गुलाबी सर्दियों में भी गर्मी का अहसास होता है. इस गुनगुनी धूप में चुनावी तापमान को महसूस करने मैं भी पहुंच गया हूं ऐसे ही क्षेत्र में जहां चुनावी गर्मी सबसे ज्यादा है. ये सियासत का वो अंचल है जिसने पिछले चुनाव में पूरी सत्ता के समीकरण हिला कर रख दिए थे और इस बार इस अंचल में जो उठा पटक जारी है उसका असर विधानसभा ही नहीं लोकसभा चुनाव तक पड़ सकता है.