केंद्र की जीत और फिर उत्तर प्रदेश की बड़ी जीत के बाद पीएम मोदी बार बार ये दावा कर चुके हैं की जीत की असल वजह पार्टी की वंशवाद से दूरी है. लेकिन जब हार का डर दिखा तो पार्टी ने अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे के सबक को ही हवा करने की तैयारी कर ली है. इस मामले में मध्यप्रदेश में बीजेपी की दूसरी लिस्ट चौंका सकती है. हो सकता है इसमें ऐसे चेहरे नजर आ जाएं जो खुद ये उम्मीद खो चुके थे कि सियासी फलक पर उनका नाम इतनी जल्दी दर्ज हो जाएगा. सर्वे में बहुत अच्छी स्थिति नहीं आने के बाद से बीजेपी लगातार हर वो कदम उठा रही है जो उसे जीत की मंजिल तक पहुंचाए। ऐसे में बीजेपी अब वंशवाद से तौबा करने के इरादे को ताक पर रख दे तो आश्चर्य मत किजिएगा।
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