इन 66 सीटों का जादू ही कुछ ऐसा है जो हर चुनाव में पार्टियों के सिर चढ़ कर बोलता है. इस बार आठ पार्टियां इन सीटों पर अपना हक जमाने की कोशिश में हैं. ये सीटें हैं मालवा निमाड़ के अंचल में आने वाली 66 सीटें. प्रदेश का चुनावी इतिहास इस बात का गवाह है कि जो इन 66 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीट हासिल करने में कामयाब होता है, प्रदेश के मुखिया का ताज भी उसी के सिर पर सजता है. बीजेपी ने इस नब्ज को पिछले चार बार से थाम कर रखा है. वैसे ये पकड़ 2018 में थोड़ी कमजोर जरूर पड़ी थी लेकिन फिर दल बदल के जरिए उसे कस दिया गया. इस बार बीजेपी और कांग्रेस के लिए मालवा की जंग इतनी आसान नहीं है. उनकी रणनीति को तहस नहस करने के लिए कुछ और दल इस अंचल में घुसपैठ के लिए तैयार खड़े हैं.
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