चार्ली चैपलिन मां पर हुए हमले के चलते स्टेज पर आए थे, फिर फिल्में मिलीं, FBI ने जांच कराई, स्विट्जरलैंड में दफनाया तो चोर ताबूत ले

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चार्ली चैपलिन मां पर हुए हमले के चलते स्टेज पर आए थे, फिर फिल्में मिलीं, FBI ने जांच कराई, स्विट्जरलैंड में दफनाया तो चोर ताबूत ले उड़े 

कल 16 अप्रैल है और कल के दिन पैदा हुए थे सर चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन, जिन्हें दुनिया चार्ली चैपलिन के नाम से जानती है। चार्ली का जन्म 16 अप्रैल 1889 को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हुआ था। चार्ली चैपलिन की मां का नाम हेना और पिता का नाम चार्ल्स अफेयर था।चार्ली की मां अल्डरशॉट शहर में एक थिएटर में काम करती थी। उस थिएटर का नाम ‘द कैंटीन’ था। मां पेशे से एक सिंगर और जूनियर आर्टिस्ट थीं। थिएटर काफी बदनाम था। वहां आए दिन वहां झगड़े होते रहते थे। थिएटर गुंडों का अड्डा माना जाता था। चार्ली की मां को मजबूरन वहां काम करना पड़ता था, क्योंकि उन्हें दो वक्त की रोटी कमानी थी।

एक दिन जब चार्ली की मां गाना गा रही थीं, तब दर्शक में से एक व्यक्ति ने किसी चीज से चार्ली की मां को घायल कर दिया। चार्ली की मां को गले पर काफी चोट आई। वे गाना नहीं गा सकती थी। इतने में थिएटर में हंगामा होने लगा। चार्ली की मां को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत थी, मगर चार्ली के पास पैसा नहीं था। थिएटर का मालिक भी पैसे नहीं दे रहा था। चार्ली की मां गाना नहीं गा पा रही थीं मालिक चिल्लाने लगा। बच्चा चार्ली वहीं पर था। 

चार्ली ने दोनों को झगड़ते देखा तो वह दोनों के पास पहुंचा और बोला, ‘आप दोनों आराम से झगड़ा करिए, तब तक स्टेज पर मैं गाना गाता हूं।’ मां हेना बोली, ‘नहीं, तुमको कुछ नहीं आता। तुम स्टेज पर नहीं जाओगे।’ थिएटर के मालिक को चार्ली की करामातों के बारे में पता था। थिएटर का मालिक चार्ली को अपने साथ स्टेज पर लेकर गया और दर्शकों से इंट्रोडक्शन कराया।

चार्ली ने गाना शुरू किया। उसने गाने के लिए जैक जोंस का गाना चुना था। अभी चार्ली ने आधा गाना ही गाया था कि स्टेज पर पैसों की बौछार होने लगी। यह देखकर चार्ली ने गाना बंद कर दिया और बोला, ‘पहले मैं पैसे उठाऊंगा, फिर गाऊंगा।’ उसके यह कहते ही पूरा हॉल हंसी के ठहाकों से गूंज उठा। इसके बाद चार्ली ने डांस भी किया और अपनी मां की मिमिक्री भी की। उस दिन पूरा हॉल लगातार ठहाकों से गूंजता रहा। चार्ली के स्टारडम की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन जिंद

चार्ली चैपलिन अभी बच्चे ही थे कि उसके मां-पिता का डिवोर्स तलाक हो गया। चार्ली और उसका भाई अपनी मां हेना के साथ अनाथ आश्रम में रहने लगे, क्योंकि उनके पास अपना घर नहीं था। मां आर्थिक तंगी की वजह से पागल हो गई और पागलखाने में भर्ती हो गई। जिसके बाद मजबूरन चार्ली और उसके भाई को अपने पिता के पास रहना पड़ रहा था। इसी बीच चार्ली के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। चार्ली की दूसरी मां चार्ली उन पर टॉर्चर करती थीं। कुछ समय  के बाद चार्ली की असली मां पागल खाने से ठीक हो घर वापस आ गई। तब थोड़ा माहौल ठीक हुआ और चार्ली और उसका भाई खुशी-खुशी रहने लगे।

चार्ली को कम उम्र से ही एक्टिंग से लगाव हो गया था, लिहाजा उन्होंने बतौर कॉमेडियन कोशिश करनी शुरू की। उनकी एक्टिंग देखकर अमेरिका की एक कंपनी ने उन्हें साइन कर लिया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका को ही ठिकाना बना लिया। उनकी फुल लेन्थ फिल्म 1921 में आई। नाम था द किड। इसके बाद अ वुमन ऑफ पेरिस, द गोल्ड रश, द सर्कस, सिटी लाइट्स, मॉडर्न टाइम्स जैसी फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। एक फिल्म पर विवाद भी हुआ था। द ग्रेट डिक्टेटर फिल्म में चार्ली ने अडोल्फ हिटलर का रोल किया था, इस पर काफी हंगामा हुआ था।

उस समय मूक फिल्मों का दौर था यानी फिल्मों में आवाज नहीं होती थी। बिना आवाज के लोगों को हंसाना बहुत मुश्किल था, लेकिन चार्ली ने ये गजब तरीके से किया। फिल्मों में जब-जब चार्ली चैप्लिन गिरते-पड़ते-फिसलते थे, तब उन्हें असली का दर्द होता था, लेकिन वे अपने चेहरे के भाव जरा भी नहीं बदलते थे और एक्टिंग में डूबे रहते थे। हिटलर का किरदार निभाने के बाद उन पर कम्युनिस्ट होने के आरोप लगाए गए। मामला इस कदर बढ़ा कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने जांच बैठा दी। आखिरकार एक दिन चार्ली ने अमेरिका छोड़कर स्विट्जरलैंड को अपना ठिकाना बना लिया। दुनिया के कई दिग्गज उनके फैन थे। इनमें साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन, ब्रिटिश क्वीन और महात्मा गांधी तक शामिल थे।

25 दिसंबर 1977 को चार्ली चैपलिन का निधन हो गया। जब पूरी दुनिया क्रिसमस की खुशियां मना रही थी, उसी दिन चार्ली चैपलिन की मौत से पूरी दुनिया में मातम छा गया। चार्ली चैपलिन को स्विट्जरलैंड में दफनाया गया। लेकिन चार्ली को मरने के बाद भी शांति नहीं मिली। कुछ चोरों ने चार्ली चैपलिन के ताबूत को चुरा लिया और उनके परिवारवालों से फिरौती में 4 लाख पाउंड मांगे। हालांकि, पुलिस ने चोरों 17 मई 1978 में पकड़ लिया और वापस सम्मान के साथ उनके ताबूत को दफना दिया गया।