छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले एक साल में एक बाघ के संरक्षण पर पर 11 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च कर डाले लेकिन बाघों की संख्या 19 से घटकर 17 रह गई... बाघ तो बढ़े ही नहीं... उल्टे घट गए... और सवाल भी उठे कि बाघों के संरक्षण के नाम पर जनता के टैक्स का जो पैसा खर्च किया जा रहा है... आखिरकार वो पैसा जा कहां रहा है...
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