बिबड़ौद जैन तीर्थ रतलाम से 5 किमी दूर है बैलगाड़ी से जाना ही इस मेले की एकमात्र खासियत नहीं है बल्कि एक और खासियत इस मेले की है और वो है लकड़ी के झूले.... जो हाथ से चलते हैं न कि किसी मशीन से।
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