इंदौर-भोपाल की मेट्रो पर शिवराज, कमलनाथ से लेकर कैलाश विजयवर्गीय तक का दावा, चुनाव के पहले मेट्रो ट्रंप कार्ड

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BP Shrivastava
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इंदौर-भोपाल की मेट्रो पर शिवराज, कमलनाथ से लेकर कैलाश विजयवर्गीय तक का दावा, चुनाव के पहले मेट्रो ट्रंप कार्ड

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में मेट्रो के ट्रायल रन को 30 सितंबर को हरी झंडी सीएम शिवराज सिंह चौहान दे रहे हैं और तीन अक्टूबर को वह भोपाल में हरी झंडी दिखाएंगे। 14 हजार करोड़ से ज्यादा का यह प्रोजेक्ट आखिर मप्र में किसके कारण आया है? इस पर बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही अपना दावा जताते रहे हैं। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ का भी दावा है तो सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी, यहीं नहीं इसे लेकर पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी दावा कर चुके हैं।

जो कागज पर फैक्ट है पहले वह देखते हैं

  • 9 जुलाई 2015- मप्र मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड का गठन हुआ, उस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और सीएम शिवराज सिंह चौहान थे। कंपनी की शेयर पूंजी पांच हजार करोड़ रखी गई।
  • 12 जनवरी 2017- मप्र सरकार की मंजूरी के बाद कंपनी ने काम शुरू किया।
  • 11 सितंबर और 3 अक्टूबर 2018- पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) और 3 अक्टूबर 2018 को केंद्र सरकार की कैबीनेट से प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली , यानि आचार संहिता के तीन दिन पहले।
  • 19 अगस्त 2019- प्रदेश में नई सरकार कांग्रेस की बनने के बाद केंद्र, मप्र सरकार और मेट्रो कंपनी के बीच में अधिकृत एमओयू साइन हुआ।
  • 14 सितंबर और 26 सितंबर 2019- 14 सितंबर 2019 को तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने इंदौर में और फिर 26 सितंबर 2019 को भोपाल मेट्रो की आधारशिला रखी और दोनों जगह बड़ा आयोजन हुआ।
  • 2 दिसंबर 2019- न्यू डेवलपमेंट बैंक से इंदौर प्रोजेक्ट के लिए 3200 करोड़ का लोन मंजूर हुआ।
  • 27 अगस्त 2020- प्रदेश में सरकार बदलने के बाद 27 अगस्त 2020 को बीजेपी की सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर मेट्रो कंपनी का नाम बदला और इसे मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड किया गया और इसमें डायेक्टर की संख्या भी बदली, केंद्र व राज्य का हिस्सा 50-50 फीसदी हुआ।
  • नवंबर 2022- मप्र शासन ने मेट्रो काम में तेजी को प्राथमिकता पर रखा, आईएएस मनीष सिंह कंपनी का एमडी बनाया और हर दिन के काम की मॉनीटरिंग शुरू हुई।
  • 26 अगस्त 2023- मेट्रो का मॉडल कोच भोपाल आया, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उद्घाटन किया
  • 31 अगस्त 2023- इंदौर में मेट्रो के तीन कोच आए, भोपाल में 18 सितंबर को यह कोच पहुंच गए
  • 13 सितंबर 2023- मेट्रो का सेफ्टी रन पूरे 5.9 किमी में हुआ और मेट्रो सफलतापूर्वक दौड़ी
  • 30 सितंबर 2023- अब इंदौर में ट्रायल रन

इस तरह मेट्रो को लेकर रहे अलग-अलग राजनीतिक दावे

मेट्रो का जब तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने सितंबर 2019 में इंदौर, भोपाल में भूमिपूजन किया, तब शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि यह मेट्रो प्रोजेक्ट उनकी बीजेपी सरकार का है। उन्होने ही इसे शुरू किया। इस पर कमलनाथ ने कहा कि जयपुर में जब मेट्रो प्रोजेक्ट आया, तब मैं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री था, मैंने तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर से इंदौर, भोपाल में इस प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर बनाने के लिए कहा, उन्होंने फंड की कमी की बात कही तो मैंने केंद्र से यह फंड दिलवाया और इसकी शुरूआत हमने कराई। बाद में बीजेपी सरकार ने तो वह डीपीआर ठंडे बस्ते में डाल दी, जो मेरे सीएम बनने के बाद बाहर आई। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि जब वह प्रदेश में नगरीय प्रशासन मंत्री थी, तब उन्होंने मेट्रो का काम किया, उनके समय यह प्रोजेक्ट लाया गया था। भोपाल में जब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 26 अगस्त 2023 को मॉडल कोच का उद्घाटन किया, तब कमलनाथ ने फिर दावा किया कि यह प्रोजेक्ट उनका था, उनकी सरकार रहती तो साल 2022 में तो यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से धरातल पर आ जाता। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने इसे हमेशा कांग्रेस का झूठ कहते हुए अपनी सरकार की उपलब्धि बताया।

आज इंदौर में 5.9 किमी का लंबा ट्रायल रन, एक बार ट्रैक पर दौड़ चुकी है रेल

आज मेट्रो ट्रेन गांधीनगर से टीसीएस चौराहे तक के 5.9 किलोमीटर रूट पर ट्रायर रन के लिए दौड़ेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। यात्रियों के लिए कमर्शियल रन शुरू होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। ट्रायल रन को मेगा इवेंट बनाने के लिए पूरा फोकस इसी स्टेशन पर है। इसे सजाया गया। यहां पर स्टेशन पर जाने के लिए दो एस्केलेटर लगे हुए हैं जो चालू हालत में है। स्टेशन को बनने में 3 से 4 महीने का समय लगेगा। अभी रंगरोंगन सिर्फ 30 सितंबर के इवेंट को मुख्यमंत्री के स्वागत के लिहाज से हुआ।

ट्रायल रन के बाद आगे इस तरह होगा

  • 1.- गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर के बीच 5.9 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो का ट्रायल रन होगा। ये बाहरी इलाका होने से यहां कमर्शियल रन नहीं किया जा सकता।
  • 2.- गांधी नगर से रेडिसन चौराहा तक पहले फेज में 17 किमी में कमर्शियल रन अगले साल अंत तक हो सकता है। क्योंकि इसके लिए लंबी कागजी प्रक्रिया और परमिशन की जरूरत होगी। यह 31 किमी लंबे कुल रूट का 60% हिस्सा ही है।
  • 3.- रेडिसन के आगे रोबोट, खजराना, बंगाली चौराहा, पत्रकार, पलासिया पर नाममात्र काम हुआ है। सिर्फ बेसमेंट खुदाई चल रही है।
  • 4.- पलासिया के आगे से गांधीनगर-एयरपोर्ट तक जाने के लिए अंडरग्राउंड लाइन प्रस्तावित है, जिसके रूट, स्टेशन पर अंतिम मोहर बाकी है। जमीनी खुदाई का भी सर्वे हो रहा है।
  • 5.- अंडरग्राउंड ही मेट्रो राजबाड़ा को कनेक्ट करेगी और बड़ा गणपति से एयरपोर्ट होते हुए गांधी नगर डिपो पहुंचकर पूरी 31 किमी की रिंग लाइन बनाएगी। मेट्रो रिंग लाइन 2026 से पहले पूरी होने की उम्मीद नहीं है।





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