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BHOPAL. उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 18 शासकीय महाविद्यालयों के जनभागीदारी समिति अध्यक्षों की नियुक्ति जारी कर दी है। खास बात यह है कि यह फैसला आचार संहिता लगने के महज चंद दिन पहले लिया गया है। माना जा रहा है कि इन 18 कॉलेजों के जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों को उपकृत करने के लिए यह नियुक्ति दी गई है। महज कुछ दिनों में ही आचार संहिता लगने जा रही है। ऐसे में कहा यह भी जा रहा है कि कुछ दिन के लिए ही ये 18 लोग अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
3 साल का कार्यकाल
अपर सचिव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई लिस्ट में यह उल्लेख है कि इन सभी जनभागीदारी समिति अध्यक्षों का कार्यकाल 3 वर्ष का रहेगा और बिना किसी पूर्व सूचना के इन्हें पद से हटाया भी जा सकता है। मतलब साफ है कि विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज होती है, तब तो ये अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे। वरना ये चंद दिनों के अध्यक्ष ही कहलाएंगे।
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इन कॉलेजों के जनभागीदारी अध्यक्ष बनाए गए
उच्च शिक्षा विभाग ने शासकीय कन्या महाविद्यालय-सागर, शासकीय कन्या महाविद्यालय- बीना, शासकीय महाविद्यालय- ढाना, शासकीय महाविद्यालय- केसली, शासकीय महाविद्यालय- मालथोन, शासकीय महाविद्यालय- बांदरी, शासकीय महाविद्यालय- भाभरा, शासकीय महाविद्यालय- आष्टा, शासकीय महाविद्यालय- नादन, शासकीय महाविद्यालय- ताला, शासकीय महाविद्यालय- मैहर, शासकीय इंदिरा कन्या महाविद्यालय- सतना, शासकीय महाविद्यालय-सहराई, शासकीय महाविद्यालय- पिपरई, शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय- जबलपुर, शासकीय कन्या महाविद्यालय- रांझी- जबलपुर, ओएफके शासकीय महाविद्यालय-जबलपुर और शासकीय महाविद्यालय-पाटन जबलपुर के जनभागीदारी समिति अध्यक्षों के नाम जारी किए हैं।
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