New Update
/sootr/media/post_banners/08ad8eb756dc058995b2d3d44a906af7b0ed27505d62e3bb7f1a5c313b55676f.jpg)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
संजय गुप्ता, INDORE.कॉलेजियम को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने कहा कि कॉलेजियम में ही सुधार की जरूरत है। कॉलेजियम को जजेस के लिए ऐसे नामों की सिफारिश करनी चाहिए जो विवादित ना हों। उन्होंने यह बात सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा महीनों तक केंद्र सरकार के पास अटकी रहने के सवाल पर कही थी।
जजों के नाम सार्वजनिक किए जाना चाहिए
अग्रवाल ने कहा कि सीनियर एडवोकेट बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है तो तमाम वेबसाइट पर उनके नाम सार्वजनिक कर दिए जाते हैं। दावे आपत्ति मांगी जाती है। हाई कोर्ट जजेस की सिफारिश में ऐसा क्यों नहीं होता। कॉलेजियम को उनके भी नाम सार्वजनिक करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर ही कॉलेजियम के नामों पर केंद्र एकदम मुहर नहीं लगाती। जांच करवाती है।
सुप्रीम कोर्ट का समय बढ़ना चाहिए
उन्होंन यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का समय बढ़ना चाहिए, अभी साल में 190 दिन यह लगता है इसे 200 दिन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अगरवाल ने कहा कि अदालतों में कामकाज के दिन बढ़ाए जाने चाहिए। इससे पक्षकारों का सबसे ज्यादा भला होगा। सुप्रीम कोर्ट बार इस विषय के लिए अगले 15 दिन में बैठक करने जा रही है। इसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को पत्र भी लिखेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसा महीनों तक केंद्र सरकार के पास अटकी रहने के विषय पर उन्होंने कहा कि
प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को केंद्रीय होना चाहिए। राज्यों द्वारा इसे लागू करने का फायदा नहीं है। राजस्थान में लागू हुआ तो वहां के राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। नवंबर में देशभर की हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, सचिव को बुलाकर इस विषय पर अहम बैठक की जाएगी।