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इसी में रहे पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह चुनाव हारकर हासिए पर चले गए। कुसुम मेहदेले का भी यही हाल हुआ। यहां पर गोविंदनारायण सिंह भी रहे लेकिन वे भी कुछ महीनों के सीएम बने। एमएलए रेस्ट हाउस के अंतिम छोर में बने इस बंगले में जबलपुर के विधायक लखन घनघोरिया भी रहे हैं। कुल मिलाकर इस बंगले को लेकर अब तक बने मिथक अब गलत साबित हुए है और अब इसी बंगले में रहने वाले विधानसभा सदस्य मोहन यादव को मध्यप्रदेश का सीएम बनाया गया है।