मध्यप्रदेश की पटवारी भर्ती परीक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में इस परीक्षा को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ था। ये खुलासा कांग्रेस ने किया था, दरअसल पटवारी परीक्षा में 8वीं रैंक लाने वाले आकाश शर्मा का एडमिट कार्ड और रिजल्ट शेयर कर सवाल उठाए थे। कांग्रेस का कहना था कि-पटवारी भर्ती परीक्षा में जो अभ्यर्थी दिव्यांग थे वो वन रक्षक - जेल प्रहरी के परीक्षा में फिट कैसे हो गए ? यह कौनसा नया प्रयोग है। अब इसे लेकर सरकार का स्टैंड सामने आया है। राज्य सरकार ने ये माना है कि वन रक्षक, जेल प्रहरी भर्ती में परीक्षा केवल सामान्य उम्मीदवार ही भाग ले सकते थे। अगर किसी उम्मीदवार ने फर्जी प्रमाण पत्र दस्तावेज प्रस्तुत किया है तो इसकी जांच डॉक्यूमेंट्स के वेरिफीकेशन के दौरान विभाग ही करता है। ये प्रोसेस ज्वाइनिंग होने के पहले होती है अगर किसी उम्मीदवार ने परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी की है तो इसके लिए वो खुद ही जिम्मेदार हैं। ऐसे मामलों के खिलाफ जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का ये भी कहना है कि डॉक्यूमेंट्स का वेरिफीकेशन मंडल स्तर पर नहीं किया जाता है। इसका वेरफिकेशन संबंधित विभाग ही करता है।
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें!
विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें