राजधानी भोपाल में 7वीं बटालियन के जवानों ने भी सुंदरकांड का पाठ किया और मंदिर को सजाया....तो कहीं कोई राम भक्त साइकिल से ही राम का संदेश देने निकल पड़ा.....चारों तरफ आज बस राम ही राम हैं...और हो भी क्यों न...इतने सालों की लंबी यात्रा राम ने तय की है....त्रैतायुग में तो राम को 14 सालों का वनवास करना पड़ा था...लेकिन कलयुग में राम के साथ साथ उनके भक्तों ने भी लिखा है रघुपति प्रजा प्रेमबस देखी......सदय हद्रयं दुखु भयउ बिसेषी।
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