पिछले कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में एक पेशाब कांड काफी सुर्खियों में है. इस कांड के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत पूरी सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी. पीड़ित को बुलाया, सीएम ने पैर धोए, चरणवंदना की. शायद ये सोचकर की सरदार खुश होगा शाबाशी देगा. लेकिन पासा उल्टा ही पड़ गया. अचानक मध्यप्रदेश के दौरे पर आए सरदार ने खुशी तो नहीं जताई उल्टे सीख दे डाली कि जो डर गया वो मर गया. अब सरदार यानी कि अमित शाह को यूं ही राजनीति का चाणक्य नहीं कहते. ऊपर से सब कुछ ठीक जताने की कोशिश कर रही प्रदेश बीजेपी में कितने शोले भड़क रहे हैं ये अमित शाह खूब जानते हैं इन शोलों की वजह से जो दहक रहा है वो है पार्टी का कार्यकर्ता जिसे बीजेपी अपनी सबसे बड़ी ताकत मानती है. जिनकी शिकायतें लगातार आलाकमान तक पहुंच रही थीं लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. अब अमित शाह ने आकर कुछ बातें बिलकुल शीशे की तरह साफ कर दी हैं.
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