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दरअसल शिवराज सिंह चौहान को लेकर ये अटकलें लगाई जा रही थीं...की अब पार्टी शिवराज को केंद्रीय नेतृत्व में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है...लेकिन अब शिवराज का ये बयान की अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मर जाना पंसद करेंगें...इसके क्या मायने निकाले जाए....तो क्या शिवराज मप्र की राजनीति में ही सक्रीय रहेंगे..या अभी भी दिल्ली के रास्ते उनके लिए खुले हैं...दूसरी तरफ प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब शिवराज सिंह चौहान जा रहे थे..तब कुछ लाड़ली बहने शिवराज सिंह चौहान के सामने आकर खूब रोईं।