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अब इसे क्या कहें....ये न शहीद की मां के आंसूओं को समझ सकती है और न ही उस परिवार की मनोदशा को...राजनीति को तो बस राजनीति की भाषा ही समझ आती है...फोटो नहीं खिचेगी तो प्रचार कैसे होगा..कि परिवार की आर्थिक मदद की गई...मीडिया में चर्चा न होगी तो कौन जानेगा की मंत्री जी आए थे और 50 लाख का चेक दे गए....लेकिन उस मां का दर्द वहां मौजूद हर शख्स समझ गया और उस मां के शब्दों ने हर एक की आंखों में आंसू ला दिए...सिवाय...मंत्री जी को छोड़कर।