मप्र में इस समय आदिवासी वर्ग हर सियासी दल के लिए अहम है। सियासी तौर पर अहमियत इसलिए क्योंकि ये बड़ा वोट बैंक है। लेकिन ये अहमियत आदिवासी समुदाय के लिए चलाई जा रही योजनाओं में नजर नहीं आती है। केंद्र सरकार की आदिवासियों के लाई गई एक योजना को शिवराज सरकार ने ऐसा पलीता लगाया है कि केंद्र सरकार के 110 करोड़ रुपए की बंदरबांट हो गई।