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उत्तरप्रदेश और बिहार की सियासत की धुरी यादव वर्ग ही है। यहां पर राजनीति यादव समाज के आस-पास ही घूमती रहती है। बिहार की नीतीश सरकार की हाल की जनगणना में यादवों की संख्या सबसे अधिक 14 फीसदी है। इन वोटर्स के खींचने के लिए आरजेडी और बीजेपी में होड़ मची हुई है। यादव आरजेडी के वोटर माने जाते हैं और बीजेपी इनको अपने पाले में लाना चाहती है। वहीं उत्तरप्रदेश में दस से बारह फीसदी यादव समाज के वोटर हैं। यह वोटर समाजवादी पार्टी के कोर वोटर माने जाते हैं। यादव समाज का सीएम बनाकर बीजेपी का इन वोटरों को लुभाने की कोशिश माना जा सकता है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव के लिए ये गणित चिंता का सबब बन सकता है।