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एमपी अजब है, सबसे गजब है- इस पंच लाइन का प्रदेश के टूरिज्म को फायदा हुआ या नहीं ये तो पता नहीं. पर, इतना जरूर है कि इस पंच लाइन को प्रदेश बीजेपी ने कुछ ज्यादा ही सीरियसली ले लिया है. क्योंकि, इस बार जो बीजेपी में हो रहा वो अजब गजब ही है. हर बार बीजेपी का काम एक ही प्रभारी से चल जाता था. इस बार तो त्रिदेव प्रदेश के हाल पर नजर रख रहे हैं. उसके बावजूद कार्यकर्ताओं का हाल यूं है कि बस खाली कमरे में शिकायतें सुना रहे हैं और लौट आते हैं. कहने को एक के बाद एक सर्वे भी हुए हैं. लेकिन हर सर्वे के बाद लगता है बीजेपी बंधने की बजाए टुकड़ों में टूटती जा रही है.