प्राकृतिक आपदाओं के चलते देश के किसानों को खेती में बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में किसान सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर नुकसान को कम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY- Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। जिसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। जब भी लोग बीमा करवाते हैं तो हमेशा उसके प्रीमियम की रकम को लेकर बहुत असमंजस में रहते हैं। इसका समाधान निकालते हुए सरकार ने इंश्योरेंस प्रीमियम कैल्कुलेटर (Insurance premium calculator) की सेवा शुरू की है जिससे किसान घर बैठे इंटरनेट से प्रीमियम की रकम जान सकेंगे।
क्या है इंशोरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर ?
बीमा करवाने के बाद हर माह उसका प्रीमियम देना होता है। बीमा (Insurance) की रकम और इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) के अनुसार उसका प्रीमियम निर्धारित होता है। बीमा की रकम जानने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाकर इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर (Insurance premium calculator) के बॉक्स को ओपन करना होगा। इसमें सीज़न(Season),वर्ष(year),स्कीम(Scheme),स्टेट(State),डिस्ट्रिक्ट(District), क्रॉप(Crop) लिखने के बाद आसानी से अपने प्रीमियम की रकम जानी जा सकती है।
किसान को केवल प्रीमियम का 1.5 से 2 प्रतिशत देना होगा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार बीमा प्रीमियम की कुल रकम का केवल 1.5 से 2 प्रतिशत ही देना होगा। बाकी का शेष प्रीमियम राज्य और केन्द्र सरकारें मिलकर देगी। हालांकि, कुछ वाणिज्य फसलों पर 5 प्रतिशत प्रीमियम किसानों को देना होगा।
सीहोर (मध्यप्रदेश) में 600 रुपए में मिलेगा 40,000 का बीमा क्लेम (Insurance claim)
यदि आप मध्यप्रदेश के सीहोर में रहते हैं तो आपको 600 रुपए प्रति हैक्टर की दर से प्रीमियम देना होगा। शेष बचा हुआ प्रीमियम 2360 रुपए, केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर देंगी। इस प्रीमियम पर किसानों को एक हेक्टर गेंहू का अधिकत्म 40,000 रुपए का बीमा क्लेम (Insurance Claim) मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के बिजनौर की बात करें तो 998.27 रुपए के किसान प्रीमियम पर 2162.91 रुपए का प्रीमियम दोनों सरकारें मिलकर देंगी और किसान को 66,551 रुपए का बीमा क्लेम मिल सकेगा।
जिला और राज्यों को अनुसार अलग-अलग होगी प्रीमियम रकम
केन्द्र सरकार के अनुसार राज्यों और जिलो के प्रीमियम की रकम अलग-अलग रहेगी। प्रीमियम रकम के लिए जिला तकनीकी समिति की एक रिपोर्ट बनाई जाती है। इस समिति में किसान नेता, बैंक और कृषि समेत जिला अधिकारी शामिल रहते हैं। इनकी बनाई गई रिपोर्ट के आधार ही पर इंश्योरेंस कंपनियां अपने प्रीमियम निर्धारित करती हैं।
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