खरीफ की बुवाई दक्षिण पश्चिम मॉनसून (South West Monsoon) की बारिश के साथ रफ्तार पकड़ती है। 1 जून से शुरू हुए सत्र में बारिश औसत से 6 फीसदी कम हुई है।
पिछले साल के मुकाबले बुवाई का रकबा घटा
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 13 अगस्त तक किसानों ने 997 लाख हेक्टेयर में गर्मियों में की जाने वाली फसलों की बुवाई की थी। धान की बुवाई 2021-22 (जुलाई-जून) के फसल वर्ष के खरीफ सत्र में पिछले साल की समान अवधि से घटकर 349.24 लाख हेक्टेयर तक हुई है।
पिछले साल 351 लाख हेक्टेयर में धान
समान अवधि में पिछले साल की धान का बुवाई क्षेत्रफल 351.52 लाख हेक्टेयर था। 13 अगस्त तक किसानों ने 997 लाख हेक्टेयर में खरीफ की बुवाई की। यह एक साल पहले की समान अवधि के 1,015.15 लाख हेक्टेयर के आंकड़े से कम है।
मोटे अनाज कपास का बुवाई क्षेत्र घटा
मोटे अनाज का भी बुवाई क्षेत्र घटकर 163.04 लाख हेक्टेयर रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 167 लाख हेक्टेयर था। कपास का बुवाई क्षेत्र 125.48 लाख हेक्टेयर से घटकर 116.17 लाख हेक्टेयर रहा है।
गन्ने और दलहन की बुवाई में हुई मामूली बढ़त
गन्ने का बुवाई क्षेत्रफल मामूली बढ़त के साथ 54.52 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में 53.69 लाख हेक्टेयर रहा था। दलहन का भी बुवाई क्षेत्र थोड़ा सा बढ़कर 126.98 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो एक साल पहले इसी अवधि में 125.06 लाख हेक्टेयर था।