बीज असली है या नकली, इसकी पहचान के लिए केंद्र सरकार ने किया ऐप लॉन्च, ''साथी'' का एक पोर्टल भी लॉन्च हुआ

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BP Shrivastava
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बीज असली है या नकली, इसकी पहचान के लिए केंद्र सरकार ने किया ऐप लॉन्च, ''साथी'' का एक पोर्टल भी लॉन्च हुआ

NEW DELHI. किसानों को बेस्ट क्वालिटी का बीज मिलना एक समस्या बन गया है। मार्केट में कई तरह के नकली बीज के माध्यम से किसानों को ठगा जा रहा है। साथ ही विक्रेताओं द्वारा किसानों को लो क्वालिटी के बीज मुहैया कराने के अनेक मामले सामने आ रहे हैं। इससे फसलों की पैदावार में भारी गिरावट आ रही है। इसका असर देश की कृषि अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। इस सबको देखते हुए केंद्र सरकार ने एक ऐप लॉन्च किया है। इससे पता चल सकेगा कि बीज असली है या नकली। इसके अलावा किसानों की बीज से जुड़ी कई समस्याएं दूर होंगी।



ऐप को एनआईसी ने केंद्र के साथ मिलकर बनाया



बीज असली है या नकली, इसके बारे में पता करने के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप का नाम साथी (SATHI- सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी) रखा गया है। साथ ही इसका एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। कली बीजों के बारे में पता करने के लिए एक सेंट्रलाइज्‍ड ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई है। इस ऐप को एनआईसी ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर बनाया है।



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गुणवत्ता वाले बीज के लिए पोर्टल भी लॉन्च



केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा भारत के लिए कृषि का बड़ा महत्व है। बदलते परिदृश्य में यह महत्व और बढ़ गया है। गुणवत्ताविहीन या नकली बीज कृषि की ग्रोथ को प्रभावित करता है। इससे किसानों का नुकसान होता है, देश के कृषि उत्पादन में भी बड़ा फर्क आता है। समय-समय पर यह बात आती रही है कि हमें ऐसी व्यवस्था बनाना चाहिए, जिससे नकली बीजों का बाजार ध्वस्त हो और गुणवत्ता वाले बीज किसान तक पहुंचें। इसके लिए साथी पोर्टल लॉन्च हो गया है। 



किसानों को दी जाएगी ऐप की ट्रेनिंग



केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि अभी साथी (सीड ट्रेसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक) पोर्टल का पहला चरण आया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दूसरे फेज में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। इसका किसानों को पूरी तरह से लाभ मिले। इसके लिए भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाना चाहिए। इस सिस्टम के अंतर्गत क्यूआर कोड होगा, जिससे बीज को ट्रेस किया जा सकेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि विज्ञान केंद्रों, राज्य सरकारों के माध्यम से इस संबंध में ट्रेनिंग दी जाना चाहिए। उन्होंने सीड ट्रेसेबिलिटी सिस्टम से सभी राज्यों को जुड़ने का आग्रह किया।



बीज के स्रोतों की भी पहचान होगी



साथी पोर्टल गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली सुनिश्चित करेगा, बीज उत्पादन श्रृंखला में बीज के स्रोत की पहचान करेगा। इस प्रणाली में बीजश्रृंखला के एकीकृत 7 वर्टिकल शामिल होंगे-अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणीकरण, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, डीलर से किसान को बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज डीबीटी। वैध प्रमाणीकरण वाले बीज केवल वैध लाइसेंस प्राप्त डीलरों द्वारा केंद्रीय रूप से पंजीकृत किसानों को बेचे जा सकते हैं, जो सीधे अपने पूर्व-मान्य बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।


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