भोपाल. मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal patel) ने गुरुवार को फसलों का MSP बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार का साल 2022-23 के लिए फसलों (Crop) का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला स्वागत योग्य है। इसके लिए मैं प्रदेश के किसानों की ओर से केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। साथ ही उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को समर्थन मूल्य से ऊपर कीमत दिलाने में सफलता हासिल की है। इसके साथ ही मूंग (Mung) की समर्थन मूल्य पर खरीदी 15 सितंबर तक जारी रहेगी।
इन फसलों का MSP बढ़ाया
गेहूं (Wheat) की MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2015 रुपये कर दिया गया। इसके अलावा जौ की एमएसपी 1600 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1635 रुपये कर दी गई है। चना की एमएसपी में 130 रुपये की वृद्धि की गई है। अब इसकी कीमत 5230 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। मसूर की एमएसपी में 400 रुपये, सरसों की 400 रुपये और सूरजमुखी की एमएसपी में 114 रुपये का इजाफा करने का फैसला किया गया है।
केंद्र के फैसले से किसानों को राहत
जनसंपर्क विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश का बासमती (Basmati) विशेष किस्म का होने के साथ ही खूशबूदार भी है। प्रदेश के किसानों को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) द्वारा मद्रास हाईकोर्ट को नये सिरे से विचार करने के निर्देश देने के फैसले से राहत मिली है। इससे प्रदेश के धान उत्पादक किसान उत्साहित है। मंत्री पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश के 13 जिले मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया शिवपुरी, गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर में लगभग 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में एक लाख किसानों द्वारा बासमती धान (Basmati Rice) उगाई जा रही है।
यह है जीआई टैग का मामला
मध्य प्रदेश ने राज्य में उगाए जाने वाले बासमती चावल को जीआई टैग (Basmati GI tag) प्रदान करने के लिए मद्रास हाईकोर्ट (Madras highcourt) में याचिका दाखिल की थी। हालांकि इसे हाईकोर्ट ने 27 फरवरी, 2020 को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बीते 2 सितंबर को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर पुनर्विचार करे।