मध्य प्रदेश में इथेनॉल की भरमार: सिर्फ गन्ने से नहीं, धान और मक्के से भी बनेगा इथेनॉल

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मध्य प्रदेश में इथेनॉल की भरमार: सिर्फ गन्ने से नहीं, धान और मक्के से भी बनेगा इथेनॉल

मध्य प्रदेश में मक्का, धान और गन्ना से इथेनॉल बनाने के विचार किया जा रहा है। इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए नए प्रावधान भी किए जाने हैं। इसी को लेकर मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रस्तावित इथेनॉल पॉलिसी पर चर्चा भी की गई। सीएम चौहान का कहना है कि ये नीति अन्य राज्यों की नीतियों के अध्ययन के बाद बनाई जाए। सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श और केंद्र सरकार से सहयोग के बाद कोई फैसला लिया जाएगा । साथ ही जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और केंद्रीय मंत्रियों से भी चर्चा की जाएगी।

कैबिनेट में इस पॉलिसी को लाने की तैयारी

अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में इथेनॉल नीति पर शुरुआती  ड्राफ्ट तैयार बनाया जा चुका है और ये पास भी हो गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। दरअसल, राज्य सरकार प्रदेश में मक्का, गन्ना और धान से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोडक्शन यूनिट लगाना चाहती है। इसीलिए एक खास इथेनॉल पॉलिसी लाने की जरूरत पड़ी है। इथेनॉल पॉलिसी के प्रारंभिक ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन किया गया। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और दक्षिण के कई राज्य पहले से ही इथेनॉल नीति पर काम कर रहे हैं और कुछ राज्यों में इसे लागू भी कर दिया गया है। केंद्र सरकार भी कृषि उपज से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके पीछे उद्देश्य ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।

पेट्रोल-डीजल के मुकाबले 50% सस्ता इथेनॉल

पेट्रोल-डीजल के मुकाबले इथेनॉल 50 प्रतिशत सस्ता है। ऐसे में अगर इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा तो आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्हें महंगे तेल की कीमतों से छुटकारा मिलेगा। भारत अपनी ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। ऐसे में अगर पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग की मात्रा बढ़ेगी तो आयात में कमी आएगी और सरकार को अपने खजाने से कम खर्च करना पड़ेगा। फिलहाल पेट्रोल में 6.2 प्रतिशत इथेनॉल की ब्लेंडिंग की जाती है। इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 प्रतिशत और 2025 तक 25 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया गया है। ऐसे में इथेनॉल उत्पादन करने वाली इकाइयों के लिए बड़ा बाजार भी उपलब्ध होगा। यहीं कारण है कि केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी इथेनॉल उत्पादन के दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही हैं।

The Sootr द सूत्र मक्के और धान से भी बनाया जा सकेगा इथेनॉल