किसानों को कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक की सही मात्रा में इस्तेामल के लिए जागरुक किया जा रहा है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) और बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (बीईडीएफ) देश में बासमती के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरुक कर रहा है। 7 राज्यों में 75 किसान जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे
गौतम बुद्ध नगर से की शुरुआत
इसकी शुरुआत APEDA ने उत्तरप्रदेश के गौतम बुद्ध नगर से की है। पहले जागरुकता कार्यक्रम में 125 से ज्यादा किसानों ने जागरुकता के इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में किसानों को ज्यादा गुणवत्ता की बासमती उत्पादन करने के लिए सही मात्रा में रसायनों और उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी जिससे उन्हें बासमती चावल की मांग बढ़ाने में मदद मिले और उनकी आय बढ़ सके।
पारंपरिक खेती को दिया प्रोत्साहन
बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा ने बताया है कि जागरुकता कार्यक्रम के जरिए किसानों को पारंपरिक तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही कम मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की बात कही है।