नई दिल्ली: देश में फूल गोभी भी एक महत्वपूर्ण फसल है। आमतौर पर अच्छी फूल गोभी सर्दी के मौसम में मिलती है, लेकिन आज उन्नत किस्मों से अन्य सीजन में भी फूल गोभी की फसल ली जा सकती है।
जून-जुलाई में बोएं
सर्दियों की शुरुआत में फूल गोभी की कीमत ज्यादा होती है, लेकिन आवक बढ़ते ही कीमत कम होने लगती है। इससे किसानों को कुछ दिन तक ही लाभ मिलता है। कई बार गोभी की कीमत इतनी गिर जाती है कि किसान खेती की लागत भी नहीं निकल पाते। अब कृषि वैज्ञानिकों ने कई उन्नत किस्में तैयार की हैं। इन किस्मों की बुवाई से फूल गोभी की खेती जून-जुलाई में कर सकते हैं। इससे किसानों को ज्यादा कमाई करने का मौका मिल जाएगा।
इन किस्मों का करें चुनाव
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा (नई दिल्ली) द्वारा कई किस्मों की बुवाई करने की सलाह दी गई है। जिन किस्मों की बुवाई जून-जुलाई के महीने में की जा सकती है, यह सितंबर-अक्टूबर तक तैयार हो जाती है। इन किस्मों में में पूसा अश्विनी, पूसा मेघना, पूसा कार्तिक, पूसा कार्तिक संकर हैं। फूल गोभी की इन किस्मों को अगेती कहा जाता है।
किस्मों की बुवाई के लिए जरूरी बातें
खेत जलभराव वाला नहीं होना चाहिए। खेत में कीड़े और दीमक की समस्या न हो।
पूरी तैयारी के साथ करें खेती
सबसे पहले खेत को उपचारित करने की विधि को पूरा करें। इसके लिए 3% केप्टान का घोल बनाकर डाल दें। अगर जैविक खेती कर रहे हैं तो किसान 100 किलो गोबर की खाद में एक किलो टाइकोडर्मा मिलाकर 7 से 8 दिन रखकर खेत में डाल दें। इसके बाद जुताई करें।
बुवाई का तरीका
खेत में 3 से 5 मीटर लंबी और 45 सेंटी मीटर से लेकर के एक मीटर चौड़ी बेड़ बना लें। यह निराई और सिंचाई के लिए अच्छा होता है।
फसल प्रबंधन
अगेती फूल गोभी की पौध 40 से 45 दिन में तैयार होती है, इसलिए इसकी देखरेख करना जरूरी होता है। इसके साथ ही समय पर निराई करना जरूरी है. अगर कीट या रोग लगता है, तो दवा का छिड़काव जरूर करें।