मंदसौर के 'मांझी' : कालूराम पाटीदार ने वो किया जो दूसरों के लिए सपना था

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मंदसौर के 'मांझी' : कालूराम पाटीदार ने वो किया जो दूसरों के लिए सपना था

बंजर जमीन को हरा भरा नहीं बनाया जा सकता लेकिन इसबात को गलत साबित किया है मंदसौर के गुराडिया प्रताप गांव के किसान कालूराम पाटीदार ने। कालूराम पाटीदार ने पथरीली 10 एकड़ जमीन पर जैविक ढंग से जंगल लगाकर मंदसौर का पहला मॉडल हाउस तैयार किया है।

27 साल पहले की थी शुरूआत

कालूराम पाटीदार ने 27 साल पहले पथरीली जमीन को हरा भरा करने का बीड़ा उठाया था। ऐसा करने के पीछे वजह थी कि गुराडिया प्रताप गांव में छांव के लिए एक भी पेड़ नहीं था। केवल खेजड़ी नाम का कांटेदार पेड़ ही हुआ करता था जो छाया नहीं देता था। पेड़ पौधे थे नहीं इसलिए गांव के लोग भीषण गर्मी का सामना करते थे। इसके बाद कालूराम ने ठान लिया कि वो जंगल तैयार करेंगे और ऐसा जंगल तैयार करेंगे जहां सभी तरह के पेड़ पौधे रहेंगे

10 एकड़ जमीन में बोए बीज

कालूराम ने साल 1992 से 1995 के बीच 10 एकड़ जमीन पर मानसून के हिसाब से सभी प्रकार के वृक्षों के बीज बोये जो यहां के वातावरण के हिसाब से अनुकूल थे। कालूराम को कामयाबी मिली और आज जंगल में कई प्रकार के हजारों वृक्ष लगे हुए हैं, पशु-पक्षी और जंगली जानवर भी है। जंगल के साथ वाटर मैनजमेंट, फॉर्म मैनजमेंट, वर्मी कम्पोस्ट जैसी तमाम खासियते हैं, कालूराम के बेटे अर्जुन पाटीदार भी उनका साथ देते है और अब दूर दूर से किसान इस मॉडल फॉर्म हाउस को देखने आते है। कालूराम किसानों को वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करने की सलाह देते है भारत सरकार की परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत हर किसान दो एकड़ जमीन जैविक ढंग से करे, इसकी शुरुआत 50 किसान शुरू कर चुके हैं।

व्हाट्सएप पर लेते हैं ऑनलाइन क्लास

कालूराम रोजाना शाम 7 से 10 बजे तक एक ऑनलाइन क्लास लेते हैं जिसमें एक साथ 500 किसान जुड़े होते है। जिन्हें इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि जमीन कैसे तैयार की जाए और अपने उत्पादों की मार्केटिंग कैसे की जाए।

जांबाज किसान