सबसे पहले बात स्वामी विवेकानंद की। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था, लेकिन उनका नाम बचपन से विवेकानंद नहीं था। जन्म के बाद उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था। तो फिर नाम विवेकानंद कैसे पड़ा। ज्यादातर लोगों का मानना है कि उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें यह नाम दिया था, लेकिन ऐसा नहीं है। यह नाम उनके गुरु ने नहीं, बल्कि किसी और ने दिया था। दरअसल,स्वामी जी को विश्व धर्म संसद में हिस्सा में लेने अमेरिका के शिकागो जाना था, लेकिन इसके लिये उनके पास पैसे नहीं थे। उनकी इस पूरी यात्रा का खर्च राजपूताना के खेतड़ी नरेश ने उठाया था और उन्होंने ही स्वामी जी को स्वामी विवेकानंद का नाम भी दिया।
No comment yet
बर्बरीक सिर्फ 3 बाणों से महाभारत खत्म कर सकते थे, लड़ते उसी की तरफ से, जिसका पलड़ा कमजोर होता, फिर कृष्ण ने मांग लिया सिर...
51 साल पहले भारत और बांग्लादेश के बीच हुई थी नए युग की शुरुआत
इसी दिन क्रिकेट के 'भगवान' ने बनाया था ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक कायम है!
क्या आप जानते हैं, कब खेला गया था क्रिकेट का पहला मैच?
कथा के मंच से बोले धीरेंद्र शास्त्री- अब बातों से काम नहीं चलेगा, सड़कों पर उतरना होगा!