एक संन्यासी जो 39 साल जिया, संशय से निकालकर गुरु ने कराए ईश्वर के दर्शन; एक डायरेक्टर ने अमिताभ को लेने के लिए भिड़ाई खास तरकीब

author-image
New Update

सबसे पहले बात स्वामी विवेकानंद की। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था, लेकिन उनका नाम बचपन से विवेकानंद नहीं था। जन्‍म के बाद उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था। तो फिर नाम विवेकानंद कैसे पड़ा। ज्‍यादातर लोगों का मानना है कि उनके गुरु रामकृष्‍ण परमहंस ने उन्‍हें यह नाम दिया था, लेकिन ऐसा नहीं है। यह नाम उनके गुरु ने नहीं, बल्‍क‍ि किसी और ने दिया था। दरअसल,स्वामी जी को विश्व धर्म संसद में हिस्सा में लेने अमेरिका के शिकागो जाना था, लेकिन इसके लिये उनके पास पैसे नहीं थे। उनकी इस पूरी यात्रा का खर्च राजपूताना के खेतड़ी नरेश ने उठाया था और उन्होंने ही स्वामी जी को स्‍वामी विवेकानंद का नाम भी दिया।