बोल हरि बोल : एक मंत्रीजी की सिट्टी-पिट्टी गुम, दूसरे का भैरंट काम… ADG साहब के हाथ काले और ACS पर शनि की वक्रदृष्टि

अमूमन विवादों में रहने वाले एक प्रमुख सचिव की मेन स्ट्रीम में वापसी हो सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि एक अहम विभाग में पदस्थ महिला आईएएस अफसर के छुट्टी पर जाने के बाद इन साहब को उस विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

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Harish Divekar
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bol hari bol 21 july
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बोल हरि बोल : बड़ी आध्यात्मिक भोर है आज की। गुरु गर्व से भरे हैं और चेले उनके सम्मान में दंडवत। सियासत में भी सबके अपने गुरु हैं और सबके अपने चेले। फिलवक्त तो सभी काम में लगे हैं, वजह भी बड़ी है। क्या है कि जब से खबर आई है कि डॉक्टर साहब कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर सकते हैं, तब से कुछ मंत्री टेंशन में हैं तो कुछ टशन में।

टेंशन वाले अपने गुरुओं की शरण में पहुंच रहे हैं। भोपाल के पास वाले जिले के एक मंत्रीजी तो अब सड़क पर उतरकर काम कर रहे हैं। एक कोप भवन में हैं। वहीं, टशन वाले मंत्री अपने चेलों के बीच गर्व से भरे हुए हैं। उन्हें कोई टेंशन नहीं है। अब देखना दिलचस्प होगा कि डॉक्टर साहब किसका 'पर्चा' बदलेंगे। 

दूसरी खबर मंत्रालय से निकली है। यहां एक प्रमुख सचिव इन दिनों चर्चा में हैं। उनकी 'मंजिल' बदलने वाली है। एडीजी साहब चहेती कंपनी की वजह से चर्चा में आ गए हैं। नौशाद भाई की चर्चा भी कम नहीं है। खैर, देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आईए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए…

क्या लौटने वाला है साहब का जलवा 

अमूमन विवादों में रहने वाले एक प्रमुख सचिव की मेन स्ट्रीम में वापसी हो सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि एक अहम विभाग में पदस्थ महिला आईएएस अफसर के छुट्टी पर जाने के बाद इन साहब को उस विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि उन्हें ये प्रभार डॉक्टर साहब के फरमान पर मिला है या चौथी मंजिल की मैडम और पांचवीं मंजिल वाले साहब लोगों ने कोई प्लानिंग की है। जो भी हो, पर फिलहाल तो मंत्रालय में यही चर्चा है कि साहब अब मेन स्ट्रीम आ सकते हैं। आपको बता दें कि शिवराज सरकार में साहब का इकतरफा जलवा चलता था। 

कोयले की दलाली में साहब के हाथ काले 

कई बार कोयले की दलाली में भी हाथ काले हो जाते हैं। यही हुआ है साहब के साथ। क्या है कि पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एडीजी स्तर के एक अधिकारी इन दिनों सवालों के घेरे मे हैं। वैसे तो इन साहब का नाम ईमानदार अफसरों में शुमार है, लेकिन डेढ़ साल पहले एक एजेंसी को पीएचक्यू की छवि चमकाने का ठेका देने में जिस तरह से साहब ने अपनी भूमिका निभाई है, उसके बाद से इनकी नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं।

दरअसल, हाल ही में इस एजेंसी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर विवादित पोस्ट डालकर सरकार की किरकिरी करा दी। पता चला कि इस एजेंसी को हर महीने 40 लाख रुपए दिए जा रहे हैं जो करीब आठ गुना ज्यादा हैं। लोग अंदर घुसे तो पता चला कि इस एजेंसी को एडीजी साहब का संरक्षण है। इसकी वजह क्या है, ये तो वो ही बता सकते हैं। 

साहब पर पड़ गई शनि की वक्रदृष्टि

शनि जिसके तारे-सितारों में कुंडली मार ले, मानो उसकी कुंडली बिगड़ जाती है। कुछ ऐसा ही है इस मामले में। अपर मुख्य सचिव स्तर के साहब पर शनि की वक्रदृष्टि सी चल रही है। पहले साहब पर भर्ती घोटाले के आरोप लगे।

यह मामला जैसे- तैसे जमा ही था कि उन्हें मंत्रालय से बाहर कर दिया गया। बात यहां तक भी ठीक थी, लेकिन रीजनल इन्वेस्टर समिट से ठीक पहले साहब से संभाग का प्रभार भी छीन लिया गया। इसके बाद से साहब परेशान हैं। दरअसल संभाग का दौरा करके साहब थोड़ा बहुत हिसाब-किताब जमा लेते थे, अब वो भी हाथ से गया।  

अब ये नौशाद कौन है...?

देश के बड़े ठेकेदारों में नौशाद भाई का नाम बड़ा चर्चा में है। मालवा क्षेत्र से आने वाले मंत्रीजी का काम- काज नौशाद भाई ही देखते हैं। हालात ये हैं कि मंत्री से मुलाकात के बाद भी कोई काम नहीं होता, लेकिन नौशाद भाई से बैठकी कर लो, बस सब कुछ 'डन' हो जाता है।

 नौशाद भाईजान का जलवा देखकर अब प्रदेश के बाहर के बड़े ठेकेदार भी कहने लगे हैं कि तिलक-तराजु-तलवार वालों की सरकार में भाईजान लोगों का जलवा है। जब मामला धन का हो तो… कहा जाता है ये दाग अच्छे हैं।

हम नाम नहीं बताएंगे, आप ही सोच लो...

इन दिनों एक मंत्रीजी की सिट्टी-पिट्टी गुम हुई पड़ी है। राजधानी में जिस तरह विपक्ष आक्रामक है, उसकी वजह से माननीय सुध बुध भूल गए हैं। थोड़े दिन पहले तक जब कोई माननीय के सोशल मीडिया हैंडल्स देखता था तो लगता था कि 'भैया' बहुत काम करते हैं।

अब तो उनकी टीम जयंती- पुण्यतिथि से ज्यादा कुछ पोस्ट ही नहीं कर पा रही है। ऐसा लग रहा है मानो मंत्रीजी कोप भवन में हैं। न तो टीवी पर उनकी बाइट नजर आ रही है और न ही अखबारों में वर्जन। उनके करीबी तो कहते फिर हैं कि भैया को विश्वास हो गया कि आगे कुछ होने वाला है। हम नाम नहीं बताएंगे, आप खुद ही  अंदाजा लगा लीजिए।

मंत्रीजी का भन्नाट काम अचानक से क्यों?

मीडिया में जबसे ये बात सामने आई है कि डॉक्टर साहब माननीयों के विभागों में फेरबदल करने वाले हैं, तबसे कुछ मंत्रियों का काम अलग ही स्तर पर पहुंच गया है। भोपाल के पास वाले जिले के मंत्रीजी तो गजब का काम दिखा रहे हैं।

ताबड़तोड़ दौरे हो रहे हैं। अफसरों को लताड़ा जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि दो दिन पहले तो भाईसाहब पुलिस पर भड़क गए। जबरदस्त वीडियो बना और मंत्रीजी का कारकेड आगे रवाना हो गया। करीबी बताते हैं कि मंत्रीजी टेंशन में हैं। उन्हें ऐसा आभास है कि पत्ता कट सकता है। लिहाजा, दौड़ धूप में वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जहां मौका मिल जाता है, वहां भन्नाट काम दिखा देते हैं। 

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