भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार, 24 सितंबर को 60 हजार का आंकड़ा क्रॉस कर नया इतिहास रच दिया। सेंसेक्स सिर्फ 31 दिनों में 55 हजार से 60 हजार के पार पहुंचा है। इससे पहले सेंसेक्स (SENSEX) इसी साल 21 जनवरी को 50 हजार के पार पहुंचा था। सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई थी तब इसका आधार अंक (बेस) 100 रखा गया गया था चार साल बाद ये चार अंकों पर पहुंचा। सेंसेक्स को पांच अंकों तक पहुंचने में 20 साल का समय लगा। आइये जानते हैं सेंसेक्स कब 1हजार से 10 हजार, 10 से 20 हजार, 20 से 30 हजार, 30 से 40 हजार, 40 से 50 हजार और 60 हजार तक के सफर की कहानी (Sensex Journey)।
1986 में 100 बेस प्वाइंट से शुरू हुआ था सेंसेक्स
सेंसेक्स के सफर की शुरुआत 1986 में हुई को इसका बेस ईयर 1978-79 को रखते हुए बेस प्वाइंट 100 तय किया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1000 प्वॉइंट पर पहुंचा। 1991 में आर्थिक उदारीकरण (Economic Liberalization) के बाद केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानूनों में बदलाव किया। इससे सर्विस इंडस्ट्री, बैंकिंग (Banking), टेलीकॉम और IT सेक्टर की कंपनियों के विकास के साथ सेंसेक्स की रफ्तार बढ़ी। उदारीकरण के बाद से बड़ी कंपनियां घरेलू बिक्री के साथ एक्सपोर्ट के जरिए भी अपना बिजनेस बढ़ाने में सफल हुईं।
2006 में 10 हजार के आंकड़े के पार हुआ सेंसेक्स
सेंसेक्स ने पहली बार फरवरी 2006 में 10 हजार के आंकड़े को पार किया। इसका एक बड़ा कारण ग्लोबल कमोडिटी मार्केट में तेजी आना थी। इसके बाद भी सेंसेक्स में तेजी का दौर जारी रहा। बाजार में तेज खरीदारी के चलते 2006 और 2007 में सेंसेक्स में बढ़त जारी रही। ग्लोबल मार्केट में कैश फ्लो बढ़ने से दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने 20 हजार का आंकड़ा छू लिया।
सत्यम घोटाले और वैश्विक मंदी से गिरा बाजार
भारतीय शेयर बाजार 22 महीने में 10 से 20 हजार तक पहुंचा था, लेकिन 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी (Financial Crisis) में टूटकर दस हजार के स्तर पर आ गया । 2009 में हुए सत्यम घोटले के बाद ये और गिरा और दस हजार के भी नीचे आ गया। 2009 के लोकसभा चुनाव और UPA की जीत के बाद ये फिर से तेजी से बढ़ा और नवंबर 2010 में ये फिर से 21 हजार के आंकड़े तक पहुंच गया।
2014 में मोदी सरकार बनने पर 25 हजार पार हुआ सेंसेक्स
साल 2013 में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 18 जनवरी 2013 को 20 हजार के पार बंद हुआ था। लेकिन इसके 20 से 25 हजार तक पहुंचने में सिर्फ डेढ़ साल लगे।16 मई 2014 को केंद्र में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। इससे शेयर बाजार में भी उत्साह का माहौल बना। 16 मई 2014 को सेंसेक्स 25 हजार 364 के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि यह बंद 25 हजार से नीचे हुआ। 5 जून 2014 को सेंसेक्स 25 हजार 19 पर बंद हुआ। इसके बाद सेसेंक्स को 25 हजार से 30 हजार के स्तर पर पहुंचने में तीन साल और लगे।
2016 में नोटबंदी के बाद 1689 प्वाइंट गिरा सेंसेक्स
सितंबर 2016 में दुनियाभर के बाजारों में मंदी के संकेत और चीन के खराब आर्थिक अनुमान के कारण सेंसेक्स एक बार फिर से 25 हजार के नीचे आ गया। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों और नोटबंदी (Demonetisation) के दौरान भी BSE को बड़े झटके लगे। नोटबंदी के अलगे दिन 9 नवंबर 2016 को सेंसेक्स में 1689 अंकों की गिरावट आई थी।
साल 2017 में 30 हजार का स्तर
साल 2017 के अप्रैल महीने में सेंसेक्स 30,133 तक पहुंच गया। अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35081.82 पर बंद हुआ। इसके बाद सेंसेक्स को 40 हजार के स्तर तक पहुंचने में करीब 22 महीने लगे।
मोदी की सत्ता में वापसी पर 40 हजारी हुआ सेंसेक्स
23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए। एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए सरकार की सत्ता में वापसी हुई। शेयर बाजार ने भी चुनाव के नतीजों पर उत्साह दिखाया और पहली बार सेंसेक्स ने 40 हजार के आंकड़े को छुआ। 4 दिसंबर 2019 को बीएसई ने 45 हजार के आंकड़े को छू लिया था। इसके बाद कोरोना ने दस्तक दी और शेयर बाजार का गिरना शुरू हुआ।
कोरोना संकट के दौरान सेंसेक्स 20 हजार अंक गिरा
साल 2020 में कोरोना (Corona) आपदा का भयावह दौर आ गया। जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंचा सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद धराशायी होकर 25981 तक पहुंच गया। 23 मार्च 2020 यानि जनता कर्फ्यू के अगले दिन बाजार 25,981 के निचले स्तर तक पहुंच गया। यानि चार महीने से भी कम समय में करीब 20 हजार अंकों की गिरावट आई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान बाजार ने धीरे-धीरे बढ़ना शुरू किया। अप्रैल 2020 के अंत और मई से फिर सेंसेक्स तेजी आने लगी। 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45079.55 तक पहुंच गया।
2021 में पहली बार 50 हजार के आंकड़े पर पहुंचा सेंसेक्स
साल 2021 के शुरुआती महीने में सेंसेक्स ने फिर बड़ी छलांग लगाई । इस बार बीएसई ने 50 हजार के आंकड़े को छुआ । इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका (America) में नए राष्ट्रपति जो बाइडेन का सत्ता में आना रही। इससे पहले कई देशों की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के बीच धराशायी हो गई, लेकिन वैक्सीन आने के बाद से सेंसेक्स ने फिर धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी।
सिर्फ आठ महीने में 50 से 60 हजार
सेंसेक्स को 50 हजार से 60 हजार के आंकड़े तक पहुंचने में सिर्फ 8 महीने लगे। 21 जनवरी 2021 को 50 हजार के पार पहुंचे सेंसेक्स ने 24 सितंबर 2021 को 60 हजार का जादुई आंकड़ा पार कर लिया। बता दें कि चीन की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी Evergrande दिवालिया होने की कगार पर है और इसका असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों (Share Market) पर पड़ा है। इसके बाद भी भारतीय बाजार ने बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया है।