MP के इस अरबपति को 3500 करोड़ का झटका, कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में लिखा- कंपनी की नेगेटिव नेटवर्थ, आगे किस तरह चलेगी इस पर चिंता

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Rahul Garhwal
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MP के इस अरबपति को 3500 करोड़ का झटका, कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में लिखा- कंपनी की नेगेटिव नेटवर्थ, आगे किस तरह चलेगी इस पर चिंता

संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश के तीसरे सबसे अमीर अरबपति की हालत खस्ता हो गई है। शेयरों की कीमत बढ़ने के चलते जहां एक समय इनकी नेटवर्थ 4400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी, वहीं अब इनकी नेटवर्थ 3500 करोड़ से ज्यादा गिरकर केवल 879 करोड़ रुपए पर आ गई है। ये व्यक्ति है इंदौर के मनीष डबकरा जो कार्बन क्रेडिट का कारोबार करने वाली कंपनी ईकेआई एनर्जी सर्विसेड लिमटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।





कंपनी की हालत खस्ताहाल





मनीष डबकरा के क्लाइंट नगर निगम इंदौर से लेकर भारतीय रेलवे, वर्ल्ड बैंक तक हैं। आज की स्थिति में ये देश के अमीर व्यक्तियों की सूची से भी बाहर हो चुके हैं। एक साल से इनके शेयरों की कीमत वैसे ही गिर रही थी, लेकिन जैसे ही इनकी कंपनी के तिमाही रिजल्ट और ऑडिट कंपनी की रिपोर्ट आई, इनकी कंपनी की खस्ताहाल जगजाहिर हो गई, जिसके बाद शेयरों में गिरावट और तेज हो गई। द सूत्र ने डबकरा को 20 दिन तक सवाल व्हाट्सएप किए, ऑडिट रिपोर्ट और गिरती शेयर कीमत पर उनसे उनका पक्ष रखने के लिए कई बार कॉल किए लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।





ये लिखा है कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट में





वाल्कर चंडोक एंड कंपनी एलएलबी द्वारा किए गए ऑडिट रिपोर्ट में है कि कंपनी के वित्तीय स्टेटमेंट में कंपनी इनके मटेरियल वीकनेस है। ये सही स्थिति नहीं है। कंपनी आगे किस तरह से चलेगी इसे लेकर चिंता है और कंपनी की नेगेटिव नेटवर्थ है। कंपनी के पास कैश फ्लो नेगेटिव है। कंपनी के रिवेन्यू और प्रॉफिट में गिरावट है। कंपनी का दिसंबर तिमाही से प्रॉफिट 76 फीसदी और रिवेन्यू करीब 41 फीसदी गिरा है। शेयर बाजार के जानकार तेजपाल सिंह सलूजा कहते हैं कि ऑडिट रिपोर्ट कंपनी के लिए कतई ठीक नहीं कही जा सकती है और इसके मायने हैं कि आम निवेश को इससे दूर रहना चाहिए। कंपनी के शेयर बाजार का पुराना रिकॉर्ड भी बहुत ही संवेदनशील है और काफी ज्यादा तेजी और फिर इससे ज्यादा गिरावट साफ दिखी है।





इस तरह गिरी कंपनी और डबकरा की नेटवर्थ





डबकरा की कंपनी 9 अप्रैल 2021 में कोविड के समय आईपीओ लेकर आई और शेयर बाजार में लिस्ट हुई। तब कंपनी के शेयर की कीमत थी 40.51 रुपए प्रति शेयर। कंपनी के शेयर ने इसके बाद रॉकेट-सी तेजी पकड़ी और ये 21 जनवरी 2022 में जाकर 3114 रुपए तक पहुंच गई, यानी करीब 77 गुना। सीधे शब्दों में समझें तो यदि किसी ने 9 अप्रैल 2021 को कंपनी के 1 लाख रुपए के शेयर लिए थे तो वे मात्र 9 महीने में जनवरी 2023 को 77 लाख रुपए के हो चुके थे। इस दौरान कई बार सवाल उठे कि कंपनी ने ऐसा क्या किया कि ये तेजी आई, लेकिन सेबी ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि आम निवेशकों के बीच कंपनी के काफी कम शेयर थे, लेकिन कंपनी के शेयर बाजार की तेजी पर सभी की नजरें चली गई और शेयर की कीमत जनवरी 2023 में आते-आते 1290 रुपए प्रति शेयर हो गई। फिर आई ऑडिट रिपोर्ट जिसके बाद कंपनी के शेयर की कीमत 569 तक गिर गई और 13 मार्च की स्थिति में ये 622 रुपए के करीब है।





कंपनी में डबकरा, प्रमोटर्स की शेयर होल्डिंग इतनी





कंपनी के कुल शेयर 2.74 करोड़ है। इसमें से डबकरा के पास 51.41 फीसदी यानी 1.41 करोड़ शेयर की होल्डिंग है। वहीं उनके ही परिजन विद्या डबकरा, प्रियंका डबकरा के साथ अन्य प्रमोटर्स नवीन शर्मा, सोनाली शेख और श्वेता पोरवाल के पास 22 फीसदी शेयर हैं। यानी सभी प्रमोटर्स के पास कुल 73.44 फीसदी शेयर यानी 2.02 करोड़ शेयर हैं। बाकी शेयर संस्थाओं के पास और 16.70 फीसदी शेयर आमजन के पास है।





डबकरा की नेटवर्थ इस तरह गिरती चली गई





डबकरा के पास कंपनी के 51.41 फीसदी शेयर (1.41 करोड़ संख्या में) है। जब शेयर की कीमत मात्र 40.51 रुपए थी, तब इस होल्डिंग के हिसाब से उनकी नेटवर्थ 9 अप्रैल 2021 को मात्र 58 करोड़ की थी, फिर जब 21 जनवरी 2022 को शेयर कीमत अधिकतम 3114 रुपए हुई, तब उस हिसाब से नेटवर्थ 4400 करोड़ रुपए हो गई। फिर शेयर की कीमत गिरने के बाद और ऑडिट रिपोर्ट में नेगेटिव टिप्पणी आने के बाद शेयर कीमत 622 रुपए के हिसाब से उनकी नेटवर्थ अब 879 करोड़ रुपए रह गई है। यानी अधिकतम शेयर कीमत से अभी तक 14 महीने में वे अपनी नेटवर्थ 3500 करोड़ रुपए गंवा चुके हैं।





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देश के अमीरों की हुरून सूची में ये थी पहले स्थिति





डबकरा साल 2021 में आई आईआईएफएल वेल्थ हुरून इंडिया सूची (इसमें देश के 1 हजार करोड़ से अधिक नेटवर्थ वाले अमीरों को शामिल कर हर साल सूची जारी की जाती है) में डबकरा 1300 करोड़ की नेटवर्थ के साथ अमीरों की सूची में 861वीं रैंक पर थे। साल 2022 में जब सूची जारी हुई, तब उनकी कंपनी के शेयर बाजार की उछाल ने उन्हें 3500 करोड़ की नेटवर्थ के साथ देश में 459वें नंबर का सबसे अमीर व्यक्ति माना था, लेकिन आज की बात करें तो वे 1 हजार करोड़ से कम नेटवर्थ वाले अमीर है और इस समय सूची बने तो वे इस सूची से बाहर हो चुके होंगे।





साल 2002 की हुरून सूची में मप्र के अमीरों की ये थी स्थिति







  • कोल कारोबारी इंदौर के विनोद अग्रवाल 6000 करोड़ की नेटवर्थ के साथ देश में 279 रैंक



  • ग्लोबल वायर कंपनी के इंदौर के सुनील चौरड़िया 4100 करोड़ के साथ 389 रैंक


  • ईकेआई एनर्जी के इंदौर निवासी मनीष डबकरा 3500 करोड़ नेटवर्थ के साथ 459 रैंक


  • दिलीप बिल्डकन ग्रुप के भोपाल निवासी दिलीप सूर्यवंशी 2000 करोड नेटवर्थ साथ 681 रैंक


  • दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप के ही देवेंद्र जैन, 1200 करोड़ की नेटवर्थ साथ 950वीं रैंक




  • Status of the rich of Madhya Pradesh EKI Energy Serviced Limited Manish Dabkara a shock of 3500 crores audit report of the company negative net worth of the company मध्यप्रदेश के अमीरों की स्थिति ईकेआई एनर्जी सर्विसेड लिमिटेड मनीष डबकरा 3500 करोड़ का झटका