अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड बिक गई। कर्ज में डूबी अनिल की कंपनी अब मुंबई के उद्योगपति निखिल वी. मर्चेंट के नाम हो गई है। RNEL को मूल रूप से पिपावाव शिपयार्ड (Pipavav Shipyard) के नाम से जाना जाता है।
निखिल वी. मर्चेंट ने लगाई सबसे बड़ी बोली
सूत्रों के मुताबिक निखिल मर्चेंट और उनके पार्टनर्स की ओर से समर्थित कंसोर्टियम हेजल मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड तीसरे राउंड के दौरान RNEL के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई जो बाकियों से काफी ज्यादा है।कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (COC) ने पिछले महीने ही इस नीलामी प्रक्रिया में भाग ले रहीं कंपनियों से बातचीत कर उच्च प्रस्तावों की मांग की थी।
RNEL पर 12,429 करोड़ रुपये का कर्ज
रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग पर करीब 12,429 करोड़ रुपये का कर्ज है। RNEL पर 10 बड़े कर्जदारों में भारतीय स्टेट बैंक का 1,965 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का करीब 1,555 करोड़ रुपये बकाया है। हेजल मर्केंटाइल ने शिपयार्ड के लिए अपनी बोली को संशोधित कर 2700 करोड़ रुपये कर दिया है पहले इसने 2,400 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। आईडीबीआई बैंक (IDBI) रिलायंस नेवल का लीड बैंकर है. शिपयार्ड को पिछले साल जनवरी में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ले जाया गया था ताकि बकाया लोन को वसूला जा सके।
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