MUMBAI. भारत के वॉरेन बफे और दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने 14 अगस्त को आखिरी सांस ली। वे शेयक बाजार के नए निवेशकों के लिए हमेशा प्रेरणा रहे। झुनझुनवाला तो चले गए लेकिन उनके कुछ शब्द हमेशा याद आएंगे। उन्होंने पिछले साल शेयर बाजार के निवेशकों से कहा था कि जोखिम जीवन का सार है, इसलिए जोखिम लेने से बिल्कुल ना डरें।
'यदि आप रिस्क नहीं लेते तो आप कुछ भी नहीं'
राकेश झुनझुनवाला ने पिछले साल एक कॉन्क्लेव में बोलते हुए नए निवेशकों को मूल मंत्र दिया था। उन्होंने कहा था कि 'जोखिम जीवन का सार है, यदि आप रिस्क नहीं लेते हैं, तो आप कुछ भी नहीं हैं'।
'बाजार और मृत्यु की भविष्यवाणी असंभव'
शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि ऐसा कोई भी नहीं है जो मौसम, मृत्यु, शेयर बाजार और महिलाओं की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। झुनझुनवाला ने शेयर में निवेश में किस्मत कनेक्शन पर झुनझुनवाला ने कहा था कि मैं ये नहीं कहूंगा कि मैं अंधविश्वासी हूं। लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जिनकी हमारी कोशिश नहीं होती।
'धन का दाता भगवान है, ये मत सोचो कि हमने इसे कमाया है'
राकेश झुनझुनवाला को दानवीर कहलाना पसंद नहीं था। उन्होंने बताया कि मैं खुद को दानवीर नहीं कहूंगा। हमें एक बात का एहसास होना चाहिए कि इस धन का दाता भगवान है, ये मत सोचो कि हमने इसे कमाया है।
झुनझुनवाला को पहले ही दांव में मिली कामयाबी
राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में शेयर बाजार में 5 हजार रुपए का निवेश किया था। धीरे-धीरे ये रकम दो लाख रुपए से ज्यादा हो गई थी। उन्होंने टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा-टी के 5 हजार शेयर 43 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे। इन शेयर के प्राइस सिर्फ 3 महीने में ही काफी तेजी से बढ़ गए थे। झुनझुनवाला ने 143 रुपए के हिसाब से टाटा-टी के सभी शेयर बेच दिए और 3 महीने में की तीन गुना रकम कमा ली।
टाटा ग्रुप ने झुनझुनवाला की किस्मत चमकाई
राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार के कुछ चुनिंदा शेयरों पर पैसा लगाकर सिर्फ 3 साल में ही करोड़पतियों की लिस्ट में शुमार हो गए। राकेश की किस्मत टाटा ग्रुप ने चमकाई। राकेश ने 2003 में टाटा ग्रुप की टाइटन कंपनी पर दांव लगाया। उन्होंने 3 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से टाइटन कंपनी के 6 करोड़ शेयर खरीदे जिनकी कीमत कुछ ही समय बाद 7 हजार करोड़ रुपए हो गई थी।