कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्यूचर कूपंस के बीच हुए समझौते को दी गई अपनी मंजूरी स्थगित कर दी है और नियमों के उल्लंघन के लिए अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।सीसीआइ के फैसले के बाद अमेजन के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी इस फैसले की समीक्षा कर रही है और जल्द ही आगे के कदम पर विचार करेगी।
20 करोड़ डॉलर में खरीदे थे 49 प्रतिशत शेयर
फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आरोप लगाया था कि अमेजन का FPCL में 49% हिस्सेदारी का मकसद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को इनडायरेक्ट रूप से कंट्रोल करना था। इन्हीं आरोपों को ध्यान में रखते हुए CCI ने अपना फैसला सुनाया है।CCI ने डील को नए सिरे से देखने के लिए भी कहा है।अगस्त 2019 में अमेजन 20 करोड़ डॉलर में फ्यूचर कूपंस के 49 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए तैयार हुआ था।
फैसला अमेजन के लिए क्यों है झटका
कोरोना के कारण देश में कारोबार प्रभावित होने के बाद अगस्त 2020 मेें रिलायंस रिटेल ने घोषणा की कि वह फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार के साथ-साथ लॉजिस्टिक और वेयरहाउस कारोबार को 24713 करोड़ रुपये में खरीदने जा रहा है। अमेजन ने इस सौदे को सिंगापुर की मध्यस्तता कोर्ट में चुनौती देकर इसपर रोक लगवा दी। अब फ्चूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के सौदे को रोकने की अमेजन की कोशिश पर पानी फिर सकता है। अमेजन-फ्यूचर डील के सस्पेंड होने से रिलायंस रिटेल की फ्यूचर रिटेल के साथ हुई डील की मंजूरी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर आने वाले समय में रिलायंस की डील को मंजूरी मिल जाती है तो इससे रिलायंस को फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, वेयर हाउस और लॉजिस्टिक्स बिजनेस मिलेगा।
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