नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने कोरोना की वजह से काफी समय से परेशान चल रहे ऑटो सेक्टर (Auto sector) को बड़ी राहत दी है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (Production Link Incentive- PLI) के तहत 25,938 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। टेलीकॉम और ड्रोन सेक्टर को भी राहत दी गई है। कैबिनेट के इस फैसले के बाद सरकारी अनुमान के मुताबिक, ऑटो सेक्टर में 7.5 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी।
टेलीकॉम सेक्टर 100% FDI
टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये फैसला लिया है कि कस्टमर के सभी केवाईसी (KYC) फॉर्म को अब डिजिटाइज किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) काफी समय से विवादित मामला रहा है। इसलिए इसकी परिभाषा बदली गई। आगे जो भी स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी, उसके द्वारा कंपनियों को स्पेक्ट्रम रखने की इजाजत 30 साल के लिए होगी।
ड्रोन सेक्टर को भी प्रोत्साहन
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि ड्रोन सेक्टर के लिए भी PLI के तहत 120 करोड़ मंजूर किए गए हैं। इससे देश में ड्रोन के उत्पादन और संचालन को बढ़ावा मिलेगा। PLI की मदद से भारत ऑटो के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकेगा। यह फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी। फोर व्हीलर कंपनियों को अगले 5 साल में कम से कम 2,000 करोड़ का निवेश करना होगा।
कोरोना में ऑटो सेक्टर की हालत खस्ता
ऑटो सेक्टर की हालत पिछले साल से ही काफी खराब है। अगस्त महीने में ऑटो सेक्टर की बिक्री में करीब 11% की गिरावट आई है। हालांकि जुलाई में बिक्री का आंकड़ा अच्छा था।