बैंको के बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुद्रा नीति समीक्षा के नतीजे जारी किए। जिसमें बैंको को मिलने वाले रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत को नहीं बदला गया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कोरोना महामारी ने देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में RBI ने अहम भूमिका निभाई है। अब भारत कोरोना से निपटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में हैं।
महंगाई और GDP पर क्या असर होगा
आरबीआई (RBI) के अनुसार वित्तिय वर्ष (Financial year) 2022 में महंगाई दर 5.3 प्रतिशत संभव है। शहरी मांग में बढ़त होने के साथ यात्रा और पर्यटन (Travel and Toursim) में खर्चा बढ़ाया गया है। वहीं, GDP की बात करें तो, देश की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होने के साथ कोरोना का सामना करने के लिए आज भारत बेहतर स्थिति में हैं। देश की आर्थिक विकास दर की बात करी जाए तो वह 9.5 प्रतिशत रह सकती है।
जानिए रेपो और रिवर्स रेपो रेट क्या है
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कमर्शियल बैंकों को लोन देने के साथ उनकी जमा पर ब्याज (Interest rate) देता है। रेपो रेट (Repo rate) गिरने पर बैंकों को मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है साथ ही आपके जमा पर ज्यादा ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट (Reverse repo rate) से मतलब है जो पैसा कमर्शियल बैंक रिजर्व बैंक में जमा करते है उन पर मिलने वाली ब्याज दर।