Delhi. आरबीआई (RBI) ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट बढ़ोतरी की घोषणा की। इसे चार से बढ़ाकर 4.4 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में इसकी घोषणा की। उनका बयान ऐसे समय आया है जब महंगाई चरम पर है और यह आरबीआई की निर्धारित सीमा से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई ने अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। देश में खुदरा महंगाई मार्च में 17 महीने का उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। फूड और मैन्युफैक्चर्ड गुड्स की कीमतों में तेजी से महंगाई बढ़ी।
Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor https://t.co/cktaninqLF
— ReserveBankOfIndia (@RBI) May 4, 2022
इसलिए नहीं मिलेगी महंगाई से राहत
चालू वित्त वर्ष में महंगाई का प्रेशर बने रहने की आशंका है। RBI के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने पिछले महीने बताया था कि महंगाई की दर पहली तिमाही में 6.3%, दूसरी तिमाही में 5%, तीसरी तिमाही में 5.4% और चौथी तिमाही में 5.1% रह सकती है।
Monetary Policy Statement, 2021-22 Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC) May 2 and 4, 2022 @DasShaktikanta #RBItoday #RBIgovernor #monetarypolicyhttps://t.co/BABbvoaQeb
— ReserveBankOfIndia (@RBI) May 4, 2022
आम जन की खाली होगी जेब
हालांकि रेपो रेट बढ़ने से आम लोगों की जेब पर चोट तय है। पहले से महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के बजट में अब बढ़ी ईएमआई सेंध लगाने जा रही है। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद होम लोन और कार लोन समेत सभी प्रकार के कर्जों पर ब्याज की दरें बढ़ जाएंगी, जिसके कारण ईएमआई की रकम बड़ी हो जाएगी।
शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट
पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है। सेंसेक्स इसके बाद 1,200 अंकों तक की गिरावट दर्ज कर रहा था। वहीं, निफ्टी 400 अंकों तक गिर गया था। दोपहर 2.30 बजे बीएसई सेंसेक्स में 860.66 अंकों या 1.51% की गिरावट आ चुकी थी और इंडेक्स 56,115.33 के स्तर पर था। वहीं, एनएसई निफ्टी 253.45 अंकों या 1.48% की गिरावट के साथ 16,815.65 के स्तर पर था।
रेपो रेट क्या है
जिस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे। रेपो रेट कम हाेने से होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह सभी सस्ते हो जाते हैं।
रिवर्स रेपो रेट क्या है
जिस रेट पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी को नियंत्रित करने में काम आता है। बहुत ज्यादा नकदी होने पर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देती है।
अप्रैल में भी मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना
इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रही थी. इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने 22 मई, 2020 को रेपो दर में संशोधन किया था। इसके तहत मांग बढ़ाने के इरादे से रेपो दर को घटाकर अबतक के सबसे निचले स्तर 4 प्रतिशत पर लाया गया था।