रोक: अडाणी की फॉर्च्यून खाद्य तेल वाली कंपनी के IPO को सेबी की मंजूरी नहीं

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रोक: अडाणी की फॉर्च्यून खाद्य तेल वाली कंपनी के IPO को सेबी की मंजूरी नहीं

मुंबई. अडाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी Adani Wilmar Ltd के IPO को सेबी (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की मंजूरी नहीं मिली है। कंपनी ने 2 अगस्त को इस IPO के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी को आवेदन किया था। सेबी ने फैसले को होल्ड कर दिया है।

इसलिए लगाई रोक

कंपनी का ये आईपीओ करीब 4500 करोड़ रुपए का है और इसमें इस FMCG कंपनी के नए शेयर जारी किए जाने हैं. इसके अलावा कंपनी की ओर से आईपीओ में कोई दूसरी पेशकश नहीं की गई। सेबी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, Adani Wilmar Ltd. के IPO को ‘abeyance’ (यानी होल्ड पर) में रखा गया है। हालांकि, सेबी ने इसकी कोई ठोस वजह नहीं बताई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Fortune ब्रांड की मालिक Adani Wilmar Ltd. के आईपीओ पर रोक Adani Enterprises के खिलाफ चल रही जांच के चलते लगाई गई है। 

क्या है सेबी का नियम?

सेबी के नियमों के हिसाब से अगर उसका कोई एक विभाग किसी कंपनी को लेकर जांच कर रहा है तो संबंधित कंपनी को आईपीओ लाने के लिए 90 दिन तक मंजूरी नहीं मिल सकती। इसे 45 दिन और आगे बढ़ाया जा सकता है। 

Adani Wilmar Ltd. सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी

Adani Wilmar Ltd.अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises और सिंगापुर के Wilmar Group का एक जॉइंट वेंचर है। इसमें Adani Enterprises और Wilmar Group की 50-50% हिस्सेदारी है। इस कंपनी का सबसे बड़ा कारोबार खाद्य तेल का है। बाजार में कंपनी की बढ़त और ज्यादा हिस्सेदारी होने की वजह इसकी खुद की खाद्य तेल रिफाइनरीज का अडाणी समूह के पोर्ट के पास स्थित होना है।

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