14 फरवरी को शेयर मार्केट धड़ाम से गिरा। ये पिछले 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। शेयर मार्केट के निवेशकों को 8.34 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ये गिरावट पूरी दुनिया में देखी गई है। इसकी वजह है यूक्रेन में युद्ध जैसे हालात और इंडिया का सबसे बड़ा बैंक घोटाला। यूक्रेन संकट के चलते कच्चा तेल 7 साल के उच्च स्तर पर जा चुका है। एनालिस्ट आशंका जता रहे हैं कि क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह ग्लोबल इकोनॉमी के ग्रोथ पर भारी बोझ डालेगा।
लगातार गिर रहा मार्केट: 30 दिग्गज स्टॉक्स वाले BSE का इंडेक्स सेंसेक्स 1,747 अंक गिरकर 56,405 पर पहुंच गया। BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाईजेशन 8.54 लाख करोड़ रुपए घटकर 255.35 लाख करोड़ रुपए रह गया है। बीते हफ्ते शुक्रवार को भी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी। दो दिनों की गिरावट में शेयर मार्केट के निवेशकों को 12.45 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।
बिकवाली में भी फायदे में रही TCS: सेंसेक्स में देखें तो आज टीसीएस एकमात्र कंपनी रही, जो फायदे में रही। टीसीएस का शेयर बीएसई पर 1.05 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। दूसरी ओर बाकी के सभी 29 शेयर नुकसान में रहे। टाटा स्टील को सबसे ज्यादा 5.49 फीसदी का घाटा हुआ है। SBI और HDFC के शेयर भी 5-5 फीसदी से ज्यादा टूट गए।
बैंक घोटाला: सूरत बेस्ड कंपनी एबीजी शिपयार्ड का 22,842 करोड़ का घोटाला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कंपनी के पूर्व अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ऋषि कमलेश अग्रवाल समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने देश के 28 बैंकों से कारोबार के नाम पर 2012 से 2017 के बीच कुल 28,842 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।
अमेरिका का भी असर: अमेरिका सेंट्रल बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकती है। इसका डर भी बाजार में है। जिसके चलते बिकवाली नजर आ रही है। जनवरी में अमेरिका में मुद्रास्फीति आशंका से भी अधिक 7.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस वर्ष दरों में कम से कम एक फीसदी की वृद्धि कर सकता है। मार्च तक फेडरल रिजर्व दरें 0.5 फीसदी तक बढ़ा सकता है जो वैश्विक इक्विटी बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं है।