BHOPAL. मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यानी MSME उद्यमियों को बड़ा झटका लगा है। सालों से उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र की जमीनों को फ्री होल्ड करने की जो मांग कर रहे हैं, सरकार उस पर विचार ही नहीं कर रही है। राजधानी भोपाल में 19 जून, सोमवार को आयोजित एमपी एमएसएमई समिट 2023 में द सूत्र से बातचीत के दौरान विभागीय मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इस बात का खुलासा किया। बता दें कि वर्ष 2013 में सीएम शिवराज सिंह चौहान और वर्ष 2019 में तात्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ औद्योगिक क्षेत्र की जमीन को फ्री होल्ड करने का आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन अब यह बात सामने निकलकर आ रही है कि सरकार के पास वर्तमान में ऐसे कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। बता दें कि मध्यप्रदेश में यह मांग इसलिए भी जरूर पकड़ने लगी थी क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार जमीनों को फ्री होल्ड कर चुकी है।
फ्री होल्ड जमीन की संगठन क्यों कर रहे मांग
एमएसएमई आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष विपिन जैन ने बताया कि राष्ट्र की जीडीपी में MSME यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग 45% का योगदान देती है, लेकिन देश के कुल फाइनेंस में इसे सिर्फ 19 से 20 प्रतिशत ही फाइनेंस मिला हुआ है। जमीन फ्री होल्ड नहीं होने की वजह से MSME को आसानी से लोन ही नहीं मिल पाता है। औद्योगिक क्षेत्र की जमीन फ्री होल्ड नहीं होने से जमीन का पहला अधिकार शासन के पास ही रहता है, जिसके कारण बैंक इस जमीन को बंधक बनाने से बचती है। कारण साफ है कि यदि रिकवरी की नौबत आती है तो बैंक इसे नहीं निलाम कर पाएगी। इसलिए बैंक बेहद कम लोन देती है।
रोजगार पर भी पड़ सकता है असर
विपिन जैन ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद MSME सेक्टर फाइनेंस की दिक्कतों से जूझ रहा है और यदि जल्द इसका समाधान नहीं हुआ तो 25 फीसदी उद्योग बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे। प्रदेश में 40 प्रतिशत रोजगार MSME सेक्टर ही देता है। ऐसे में जमीन फ्री होल्ड नहीं होने से MSME सेक्टर जो फाइनेंस की दिक्कतों से जूझ रहा है, उसका सीधा असर प्रदेश के रोजगार पर भी देखने को मिलेगा।
मंत्री ने कहा— हम रोजगार के अवसर को कम नहीं कर सकते
औद्योगिक क्षेत्र की जमीनों को फ्री होल्ड किये जाने के सवाल पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि मेरे ध्यान में इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है। अभी हमने एग्जिट पॉलिसी जरूर बनाई है। उद्योगों की जमीन केवल उद्योगों के लिए है। वह अपनी मर्जी से जितने चाहे उद्योग बदल सकते हैं, लेकिन उसको कमर्शियल या रेसिडेंसियल में कन्वर्ट करके हम आने वाले रोजगार के अवसर को कम नहीं कर सकते। ॉ
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